आपणी हथाई न्यूज, शहर में आज से पुष्करणा सावे की रंगत बढ़ने वाली है। 18 फरवरी को होने वाली सैकड़ों शादियों के वैवाहिक कार्यक्रम आज से शुरू होंगे। पुष्करणा समाज में विवाह में सबसे जरूरी होता है सर पर पगड़ी या साफा पहनना। लेकिन यह पगड़ी और साफा बांधना हर किसी की बात नहीं है। इसे बांधने की एक विशेष कला होती है। जिसे शहर के कुछ विशेष लोग इस कला में निपूर्ण है।
जानकारी के अनुसार 18 फरवरी के दिन बीकानेर शहर में पुष्करणा ब्राह्मण समाज सहित अन्य समाज की सैकड़ों शादियां होने जा रही है। इन सदियों में साफा -पगड़ी बांधने की निशुल्क सेवा पुष्टिकर सावा समिति देने जा रही है। यश व्यास ( यश टर्बन ) और पंडित शिव किशन रंगा की ओर से सुबह 10 से रात 10 बजे लगातार 12 घंटों तक साफे और पगड़ी बांधी जायेगी। दोनों ने पिछले पुष्करणा समाज के सावे पर लगभग 1400 साफे पगड़ी निशुल्क बांधी थी। इस बार दोनों यह की तरफ से यह दावा किया जा रहा है की वो 2000 पगड़ी और साफे बांधेंगे।
अगर ऐसा होता है तो अपने आप में एक अनूठा रिकॉर्ड बन सकता है। यश ने बताया की राजस्थान ही नही समूचे भारत में शादियों में पगड़ी और साफे पुरुष अपने सर पर बंधवाते है। लेकिन आजकल महिलाएं और लड़कियां भी शादियों में साफे पहनकर जाती है। यह निशुल्क सेवा बीकानेर के पुष्करणा स्टेडियम के पास दी जाएगी। पुष्करणा सावे पर कई संस्थाएं अपनी तरफ से निशुल्क सेवाएं दे रहे है। इन सबके बीच यह साफा पगड़ी निशुल्क बांधने की सेवा भी अपने आप में अनूठी सेवा कही जा सकती है।