आपणी हथाई न्यूज,राष्ट्रसंत, डॉ. आचार्य प्रवर दिव्यानंद सूरीश्वर जी महाराज साहब ( निराले बाबा) का मंगल आगमन गंगाशहर की धन्यधरा पर हुआ । गुरुदेव के मंगल आगमन पर श्रीमती शर्मिला नाहटा, नवरत्न मल संचेती, विशाल नाहटा आदि ने स्वागत विचार प्रस्तुत किए। अनिता देवी बैद गुरू भक्ति गीत प्रस्तुत किया।
राष्ट्रसंत निराले बाबा ने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि दर्जी कपड़ो की सिलाई करता है तो उसमे कैची और सुई दोंनो का उपयोग करता है लेकिन कपड़ा सिलाई करने के बाद सुई को अपनी शर्ट की जेब के साथ लगा देता है मतलब उचित स्थान पर रखता है क्योंकि सुई जोड़ने का कार्य करती है और कैची पैरों में या कही पर भी रख देता है क्योंकि कैची काटने का कार्य करती है ठीक इसी तरह संत जोड़ने का काम करते है ओर जो संत जोड़ता समाज उनका सम्मान अत्यधिक करते है।
निराले बाबा ने कहा कि जैन धर्म और सनातन धर्म को दोंनो जोड़ने के माध्यम से ही श्री मद् भागवत कथा का आयोजन रखा है जो कि जोड़ने का प्रयास है इसलिए ही बीकानेर के 500 वर्षो के इतिहास में प्रथम बार जैन संत के सानिध्य में श्री मद् भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ का कार्यक्रम रखा गया। दिव्यानंद निराले बाबा ने कहा कि धर्म जोड़ता है तोड़ता नहीं, धर्म सुई का काम करता है कैंची का नहीं, ।
विशाल नाहटा ने कार्यक्रम में सम्मिलित हुए गुरू भक्तों का आभार व्यक्त किया और कहा कि जो राष्ट्रसंत, डॉ. आचार्य प्रवर श्री दिव्यानंद सूरीश्वर जी महाराज साहब ( निराले बाबा ) के पावन सानिध्य में श्री गौड़ी पार्श्वनाथ जैन मंदिर गोगागेट के विशाल परिसर में जैन महात्मा सभा संस्थान एवं श्री जैन श्वेतांबर निराला संघ के संयुक्त तत्वावधान से 3 मार्च 2024, रविवार से श्री मद् भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ का शुभारंभ होगा। उसमें ज्यादा से ज्यादा बीकानेर की धर्म प्रेमी जनता भाग लेकर इस कार्यक्रम को सफल करे उसके बाद श्री जैन महात्मा सभा एवं श्री जैन श्वेतांबर निराला संघ के गुरु भक्तों की सामूहिक मीटिंग रखी गई ।जिससे मंदिर प्रांगण में सारी व्यवस्था की जाए। अलग अलग कार्य के लिए सबको जिम्मेदारी दी गई।
इस अवसर पर शिव महात्मा, नवीन महात्मा, अनूप महात्मा ,महावीर कोचर, सुरेंद्र चौपडा, राहुल महात्मा ,केशव महात्मा,विपिन सिरोहिया, धर्म चंद कोचर, पंकज भादाणी जैन, आशु सैन, हरि कृष्ण गहलोत, प्रेम कुमार मिनी, भूरा मल कोचर, नवरत्न संचेती, विपिन सिरोहिया, विनोद सिपाणी, जितेन्द्र सिपाणी, लहर चंद सिपाणी, संजु नाहटा, महेन्द्र बैद, शिखर चंद सिपाणी, झँवर लाल सिंघी, सुनील नाहटा, कुशाल संचेती, चंचल नाहटा, कोमल मोहनोत, संगीता बैद, संजु देवी नाहटा, अनीता बैद, बलमा देवी सिपाणी, पूनम देवी सिपाणी, ज्योती सिपाणी, कमला देवी मिनी, आदि गुरु भक्त उपस्थित थे।