आपणी हथाई न्यूज,लोकसभा चुनावों की रंगत नामांकन भरने के बाद से ही नजर आने लगी है। बुधवार का दिन बीकानेर में कांग्रेस और बीजेपी नेताओं के उपस्थित रहने और बयानबाजी से सुर्खियों में रहा तो वही गुरुवार शाम होते होते बीजेपी ने गोविंदराम पर नामांकन पत्र में तथ्यों को छुपाने के आरोप लगा दिए। शिकायत कर्ता ने निर्वाचन आयोग से शिकायत की है कि इसमें आपराधिक तथ्यों को कांग्रेस उम्मीदवार गोविंदराम मेघवाल ने छिपाया है। इस मामले को लेकर निर्वाचन अधिकारी नम्रता व्रष्णि को शिकायत भेजी गई और गोविंदराम का नामांकन खारिज करने की भी मांग की। अब देखना ये होगा कि निर्वाचन अधिकारी इस मामलें में क्या एक्शन लेती है। बरहाल इस घटना के बाद कांग्रेस केम्प में हड़कम्प मच गया है वही अर्जुनराम के समर्थक लगातार इस मामलें को लेकर हमलावर हो रखे है।
क्या है नियम
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम – 1951 की धारा 33 ( A ) के यदि नामांकन कर्ता पर किसी आपराधिक प्रकरण मे अभियुक्त होने का किसी न्यायालय द्वारा चार्ज फ्रेम कर दिया गया हो जिसमे 2 वर्ष या उससे अधिक अवधि की सजा का प्रावधान हो तो उसकी सूचना का उल्लेख नामांकन पत्र मे आवश्यक है। जिसके उल्लंघनों पर लोक प्रतिनिधत्व अधिनियम -1951 की धारा 36 (2) के तहत जिला निर्वाचन अधिकारी को यह शक्ति प्रदत है कि ऐसे नामांकन को रद्द कर सकता है।