आपणी हथाई न्यूज, देश में आज लोकसभा चुनावों के परिणाम अपने अंतिम चरण में है। 400 सीटों के नारे से शुरू हुई बीजेपी लोकसभा चुनाव में 240 पर ही अटक गई। इस बीच राहुल गांधी और सपा के अखिलेश यादव की पीठ थपथपाई जा रही है। बीजेपी से क्या चूक हो गई इस पर तो मंथन होना बाकी है मगर उत्तर भारत में बीजेपी को मिले झटकों से कमल डूब गया। बात चाहे यूपी की हो या राजस्थान की बीजेपी और उनके समर्थकों से इस परिणाम की उम्मीद नही थी, जब देश के एग्जिट पोल्स आंकड़ो में बीजेपी को 400 तक ले गए। बरहाल बीजेपी और अन्य घटक दल मिलकर बहुमत पाने में कामयाब रहे है। अब तक लग भी यही रहा है कि जदयू, टीडीपी और अन्य दलों के सहारे बीजेपी सत्ता में तीसरी बार वापसी कर लेगी।
कौन कौन है एनडीए के सहयोगी दल
(जदयू)
एनडीए के सहयोगियों में सबसे पहले नाम बिहार की जदयू पार्टी के मुखिया नीतीश कुमार का नाम सामने आता है। नीतीश की पार्टी ने इस लोकसभा चुनाव में अपने दम पर चार सीट जीत ली है और अंतिम चरण के परिणामों तक ये आंकड़ा 12 होने की पूरी उम्मीद भी है।
(टीडीपी)
चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी को इस लोकसभा चुनाव में 16 सीटों पर जीत मिली है। टीडीपी ने आंध्रप्रदेश विधानसभा में जीत दर्ज की है। चंद्रबाबू नायडू कई बार एनडीए का हिस्सा रहे हैं। चंद्रबाबू नायडू एक कुशल राजनीतिज्ञ है।
(शिवसेना)
एकनाथ शिंदे गुट वाली शिवसेना भी एनडीए की अहम सहयोगी है । इस चुनाव में लगभग 7 सीट जीत चुकी है हालांकि उद्धव ठाकरे की शिवसेना से पिछड़ गई है। बताया जाता है एकनाथ शिंदे और अमित शाह के बीच अच्छी बॉन्डिंग है।
(लोक जनशक्ति पार्टी-LJPRV)
रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान 2014 के चुनाव में एनडीए के साथ जुड़े हुए है। इस बार चिराग ने पांच सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें पांचों सीटों पर अपना कमाल दिखाया है।
इसके अलावा एनडीए के साथ अजित पंवार के नेतृत्व वाली एनसीपी जिसे इस चुनाव में 1 सीट मिली है। वही पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की पार्टी जनता दल (सेक्युलर) को इस चुनाव में 2 सीटों पर जीत मिली है। एचडी देवगौड़ा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच अच्छा राजनीति का रिश्ता रहा है। बीजेपी के समर्थन से भी देवगौड़ा के पुत्र कुमार स्वामी एक बार सीएम भी बन चुके हैं।
गिरीश कुमार श्रीमाली