आपणी हथाई न्यूज, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने लगातार बन रहे पार्टी के दबाव के बाद साफ कर दिया है कि वह अगला राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ेंगे। बाइडन ने भारतीय मूल की कमला हैरिस के नाम का समर्थन कर सबको चौंका दिया है। इस सियासी घटनाक्रम के बाद अमेरिकी चुनाव का पूरा सीन बदल चुका है । अब सवाल यह उठ रहा है कि कमला हैरिस के नाम सामने आने के बाद इस चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को फायदा होगा या नुकसान ? हालांकि रविवार को डोनाल्ड ट्रंप ने यह दावा किया कि वह कमला हैरिस को आसानी से हरा देंगे।
ट्रम्प को फायदा या नुकसान ?
डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बाइडन के दौड़ से बाहर होने के बाद उन्होंने अपनी पार्टी की उपाध्यक्ष कमला हैरिस को समर्थन देने के बाद चुनाव कुछ उलट गया है यह चुनाव जो अभी 8 दिन पहले रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप की हत्या की साजिश के बाद ट्रंप की ओर पूरी तरीके से झुकता नजर आ रहा था वहीं अब ट्रंप को कमला हैरिस के नाम के सामने आने के बाद अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा। हालांकि ट्रम्प चुनावी रणनीति बदलने की घोषणा पहले ही कर चुके थे। वही बात करे कमला हैरिस की तो डोनाल्ड ट्रंप के ख़िलाफ़ आमने-सामने की लड़ाई में कमला हैरिस का प्रदर्शन भी बाइडन जैसा ही है। दूसरी बात ये है कि बतौर उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का कार्यकाल कुछ कठिनाई भरा रहा है।
प्रशासन संभालने के बाद कमला हैरिस को मेक्सिको से बढ़ते अवैध प्रवासियों के संकट से निपटने की ज़िम्मेदारी दी गई थी। ये एक बड़ी चुनौती थी कई क़दमों और फ़ैसलों के कारण कमला को इस मामले में आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा।
गर्भपात से जुड़े अधिकारों के मामले में भी कमला व्हाइट हाउस प्रशासन की प्रमुख शख़्स रही हैं। ये एक ऐसा मुद्दा रहा है, जिससे कमला ज़्यादा प्रभावी ढंग से निपटी हैं।
आख़िरी और शायद सबसे ज़रूरी बात कमला हैरिस पहले भी अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी हासिल करने की कोशिश कर चुकी हैं। लेकिन साल 2020 में वो इस कोशिश में बुरी तरह नाकाम साबित हुई थीं। कमला तेज़ी से आगे तो बढ़ीं मगर कई इंटरव्यू में वो हकलाईं, बिना किसी विजन के दिखीं और उनका चुनाव प्रचार भी अच्छे ढंग से नहीं संभाला गया था।