आपणी हथाई न्यूज़,महावीर इंटरकांटिनेंटल सर्विस आर्गेनाइजेशन (‘मीसो’) दिल्ली से राष्ट्रीय स्तर पर पंजीकृत संस्था है जिसका कार्यक्षेत्र पूरा भारत है। मीसो संस्था के उद्देश्य ‘सेवा’, ‘संस्कार’ एवं ‘स्वावलंबन’ है। महावीर इंटरकांटिनेंटल सर्विस आर्गेनाइजेशन का प्रशासनिक कार्यालय रायपुर छत्तीसगढ़ में स्थित है। मीसो के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष वीर पुष्प जैन है जों कि पूर्व सांसद पाली से है। अपने उद्देश्य को पूरा करते हुए संस्था ने सेवा के क्षेत्र में अनेक कार्य किए हैं एवं 6 वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाये है। संस्था के पास एक आईं केयर एंबुलेंस है जिसके माध्यम से रोजाना कम से कम 500 लोगो की निशुल्क आंखों की जांच कर निशुल्क चश्मा निशुल्क दवाइयां एवं निशुल्क मोतियाबिंद का आपरेशन किया जा रहा है। संस्था के पास एक ईयर केयर एंबुलेंस भी है जिसमें निशुल्क बहरेपन की जांच की जाती है एवं जरूरत मंदों को निशुल्क कान की मशीन भी उपलब्ध कराई जाती है। स्वावलंबन के क्षेत्र में मीसो ने अब तक 41000 से ज्यादा लोगों को स्वरोजगार में लगा रखा है एवं स्वरोजगार के कार्य सतत चल रहे हैं।
बीकानेर में दिनांक 28 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक मूक-बधिर बच्चों के लिए स्किल डेवलपमेंट शिविर का आयोजन किया गया है। मूक-बधिर बच्चों का यह शिविर हर साल दिनांक 28 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक आयोजित किया जाता है जिसमें पूरे देश के राज्यों से मूक-बधिर बच्चों का आगमन होता है। गत वर्ष यह शिविर गुवाहाटी में आयोजित किया गया था जिसमें 600 मूक-बधिर बच्चे एकत्रित हुए थे और भूटान के भी 6 बच्चों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। गुवाहाटी में ही हमारे कार्यक्रम के संयोजक वीर विजय सिंह जी डागा ने हमें बीकानेर में इस शिविर के आयोजन के लिए आमंत्रित किया जिसमें अनाम प्रेम मुबंई के पदाधिकारियों एवं महावीर इंटरकांटिनेंटल सर्विस आर्गेनाइजेशन के पदाधिकारियों ने सहर्ष वीर विजय सिंह जी डागा का आमंत्रण स्वीकार कर यहां पर 1000 मूक-बधिर बच्चों का स्किल डेवलपमेंट शिविर तय किया गया। इस शिविर की तैयारी प्रारंभ हो गई है चार भवनों का बुकिंग हो चुकी है व अन्य सारी व्यवस्थाएं लगभग सूनिश्चित हो चुकी है। कार्यक्रम के संयोजक वीर विजय सिंह जी डागा, सहसंयोजक वीर संतोष बांठीया जी अपनी पूरी टीम एवं अन्य सेवाभावियों के साथ तैयारी में जुट गए हैं। मीसो बीकानेर के सभी सदस्यों एवं पदाधिकारी ने भी कमर कस ली है। मूक-बधिर बच्चों का आगमन देश के लगभग 25 प्रांतों से होगा एवं राजस्थान प्रदेश के लगभग 250 बच्चे इस स्किल डेवलपमेंट शिविर में भाग लेंगे।
लगभग 75 तरह की विधाएं सीखाई जाएगी। पहले दो दिन ट्रेनर बच्चों को सिखाएंगे व बाद में ट्रेनर्स की प्रत्यक्ष निगरानी में ‘बच्चे सिखाएं बच्चों’ का आत्मविश्वास बढ़ाने का कार्यक्रम होता है जिससे उनका परफेक्शन बढ़ाने में आसानी होती है। एक दिन सारे बच्चों एवं उनके शिक्षको को बीकानेर दर्शन कराने भी ले जाएंगे जिसमें जुनागढ़, संग्रहालय, ऊंट फार्म, घोड़ा फार्म, रसगुल्ला एवं बीकानेर का प्रसिद्ध भूजीया फेक्ट्री, तथा करणी माता के मंदिर देश्नोक के दर्शन करने के पश्चात वापस डागा पेलेस में आ जाएंगे।