आपणी हथाई न्यूज, राजस्थान के जयपुर, कोटा,सीकर जैसे कोचिंग हब सहित अन्य जिलों में छात्रों के बढ़ते आत्महत्या मामलें को लेकर अब राज्य सरकार कोचिंग बिल लाने की तैयारी में जुट गई हैं। इसके लिए शिक्षा विभाग ने सभी स्टेक होल्डर से उनके सुझाव मांगे है। वही गुरुवार को शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधि और निजी विद्यालयों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की। इससे पूर्व में उच्च शिक्षा विभाग ने सभी से सुझाव मांगे थे जिसमें विभाग को 100 से अधिक सुझाव मिले थे।
बात करें द राजस्थान कोचिंग सेंटर (Control And Regulation) की तो राज्य की सरकार दो स्तरीय प्रशासनिक व्यवस्था कोचिंग संस्थाओं का नियमन करेगी। इसके अलावा कोचिंग संस्था 16 साल से कम उम्र के बच्चों का एडमिशन नही ले पाएंगे। ना ही कोई भ्रामक दावा वादा करेंगे। परीक्षा के नेचर के बारे में बच्चों और अभिभावकों को सही और पूरी जानकारी देंगे।
बिल के ड्राफ्ट के अनुसार कोचिंग सेंटर की वेबसाइट पर शिक्षकों की योग्यता, ईजीएग्जिट पॉलिसी,कोर्स की जानकारी,फीस रिफंड पॉलिसी, और नामांकन ,पास हुए बच्चों की संख्या बतानी होगी। इसके अलावा काउसलिंग सिस्टम और शिकायत के लिए कमेटी का होना ज़रूरी है।बच्चों पर अधिक दबाव न बने इसके लिए सप्ताह में 1 दिन छुट्टी,छुट्टी के दिन कोई टेस्ट नही,दिन में 5 घण्टे से अधिक क्लास नही जैसे नियम भी फॉलो करने होंगे। अगर कोई बच्चा बीच में कोर्स छोड़ता है तो उसकी फीस वापस की जाएगी।वही विभाग को कोचिंग संस्थानों से मिले सुझावों में उम्र की सीमा कम करने और 50 से कम विद्यार्थियों वाले संस्थानों को इस बिल के दायरे में लाने का सुझाव दिया गया हैम