गिरीश कुमार श्रीमाली(संपादक)
आपणी हथाई न्यूज,राजस्थान में बीते सालों में नशा उत्पादन और बिक्री का काम ज़ोर शोर से फल फूल रहा है। बीते एक वर्ष में राजस्थान के जोधपुर,सिरोही के बाद अब बाड़मेर में एमडी नशा फैक्ट्री मिलने का भंडाफोड़ हुआ है। कुल मिलाकर बात करे तो नशा तस्करों के लिए राजस्थान नशा निर्माण करने का नया हब बन रहा है। जिसका राजस्थान में नशा निर्माण कर अन्य राज्यों में सप्लाई देने का काम भी हो रहा है।
बॉर्डर एरिया में पकड़ी एमडी की फैक्ट्री
ताजा मामला भारत पाक बॉर्डर से सटे जिले बाड़मेर के रामसर गांव थाना क्षेत्र का है जहां सुनसान रेतीले इलाके में बने एक कच्चे घर में एमडी नशा बनाने वाली एक फैक्ट्री का संचालन हो रहा था। गुजरात की DRI टीम को एक तस्कर से मिले इनपुट के बाद डीआरआई टीम और स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्यवाही की गई। जिसमें रामसर थाना क्षेत्र में एक ढाणी में बने कच्चे मकान में एमडी नशे की फैक्ट्री का संचालन होने की बात की पुष्टि हुई। मौके से एक युवक को डिटेन भी किया गया है जिससे पूछताछ की जा रही है। वही मौके से पुलिस को साइलेंट जेनरेटर, ड्रग बनाने की मशीन,लिक्विड केमिकल भी बरामद हुआ है। इस मामलें में लापरवाही की बात सामने आने पर बाड़मेर एसपी नरेंद्र मीणा ने रामसर थाने के हेड कॉन्स्टेबल सहित 3 लोगों को निलंबित कर दिया है।
नशा माफियाओं की पसंद राजस्थान क्यों !
दरअसल गुजरात और महाराष्ट्र में नशा तस्करों पर सख्ती के बाद पिछले कुछ वर्षों से माफियाओं ने राजस्थान की ओर मूव कर लिया है। गुजरात में NCB की ड्रग्स की एक कार्रवाई में तस्कर ने बाड़मेर से एमडी आने की बात कबूली थी। जिसके बाद NCB ने इसकी सूचना डीआरआई को दी। शुरुआती जानकारी में सामने आया है कि राजस्थान में सांचौर का एक गिरोह इसका संचालन कर रहा था। 3 से 4 दिन में बड़ी मात्रा में नशे का सामान बनाया जाता फिर नशे के सामान सिरोही ,जालोर जिले में स्टॉक होता है जिसके बाद अहमदाबाद के रास्ते मुम्बई और अन्य राज्यों में सप्लाई कर खपाते है। राजस्थान में इससे पहले भी एमडी नशे की बड़ी फैक्टरियां पकड़ी जा चुकी है लेकिन बॉर्डर एरिया में इस तरीके का यह पहला मामला सामने आया है।