आपणी हथाई न्यूज, बीकानेर के सरकारी कार्यालयों का हाल बुरा है नतीजतन आमजन से जुड़ें काम ईमानदारी से हो ही नही पाते है। बात अगर विशेष संदर्भ में बीकानेर नगर विकास न्यास की की जाये तो यहां भी ढाक के तीन पात वाली स्थिति नजर आ रही है।
बीकानेर यूआईटी में बीते सप्ताह जिस यूडीसी कर्मचारी शकील अहमद को 17 सीसी नोटिस जारी हुआ था उसे अब यूआईटी के ही मुखिया ने एक दिन पहले एक आदेश जारी कर भंडार शाखा में भंडार लिपिक की जिम्मेदारी दी है। अब गौर करने वाली बात ये है कि काम में लापरवाही का नोटिस मिलने वाले इस यूडीसी पर अचानक इतना भरोसा करने के पीछे क्या मंशा रही होगी ? जबकि नोटिस दिए जुम्मा जुम्मा 7 दिन हुए हैं
बरहाल आपकों ये बताते चले कि इस यूडीसी कर्मचारी को नगर विकास न्यास वर्ष 2000 में निलंबित भी किया हुआ है। अब एक सप्ताह पहले मिले इस नोटिस के बाद भंडार की जिम्मेदारी किसी ईनाम से कम नजर नही आ रही है। यूआईटी के एक और आदेश को भी नियमों के विरुद्ध बताया जा रहा है। जिसमें लेखाधिकारी दयानिधि तिवाड़ी को नियमों को ताक ओर रखकर प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई। अब आने वाले दिनों में देखने वाली बात यह होगी कि यूआईटी की मुखिया किस तरीकों से सामंजस्य बिठाकर बीकानेर का भला कर पाती है।