आपणी हथाई न्यूज, बीते साल खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर की हत्या के बाद कनाडा और भारत के रिश्तों में दरार पैदा हो गई। हालांकि लगातार भारत पर आरोप लगाने कनाडा के पीएम जस्टिन टुडो अब तक कोई ठोस सबूत पेश नही कर पाए है।
अब इसी मामलें को लेकर कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का अपने ही देश में विरोध शुरू हो गया है। भारत से जारी गतिरोध के बीच खबर है कि लिबरल पार्टी ऑफ कनाडा के एक सांसद ने अगले चुनावों से पहले पार्टी प्रमुख के पद से प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे की मांग की है।
कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (सीबीसी) की ओर से मंगलवार को प्रसारित खबर में सांसद सीन केसी ने कहा, मैं जो संदेश जोर-शोर से और स्पष्ट रूप से तथा समय बीतने के साथ और भी मजबूती से दे रहा हूं, वह यह है कि (टूडो) के जाने का समय आ गया है। मैं इससे पूरी तरह से सहमत हूं।
कनाडाई सांसद ने कहा, लोगों का मानना है कि अब बहुत हो चुका। वे उनसे ऊब चुके हैं। वे उनका इस्तीफा चाहते हैं। केसी ने दावा किया कि लिबरल पार्टी के नेताओं में ट्रूडो के नेतृत्व को लेकर उच्च स्तर की चिंता है, लेकिन जिन लोगों की राय मेरे जैसी है, वे समय बीतने के साथ इसे लेकर और दृढ़ होते जा रहे हैं। बता दें, भारत और कनाडा के बीच रिश्ते इतिहास के सबसे बुरे दौरे से गुजर रहे हैं। दोनों देशों ने अपने-अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया है।
क्या है ट्रुडो और पन्नू का कनेक्शन
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने जस्टिन ट्रूडो से नजदीकी की बात कबूल की है। उसने कहा है कि उसका संगठन सिख फॉर जस्टिस पिछले दो से तीन सालों से ट्रूडो के प्रधानमंत्री कार्यालय के संपर्क में है और पूरे जासूसी नेटवर्क के बारे में विस्तृत जानकारी दे रहा है।
उसने आरोप लगाया कि उनके संगठन ने कनाडाई पीएमओ को इस बारे में सूचित किया कि कैसे भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा, उनके दूसरे-इन-कमांड और उनके पहले के अधिकारी ने जासूसी नेटवर्क की स्थापना की, जिसने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या करने वाले भारतीय एजेंटों को रसद और खुफिया सहायता प्रदान की।