श्रद्धांजलि : सच्चे नायक कभी मरा नही करते, महान व्यक्तित्व अब अनंत यात्रा पर…

आपणी हथाई न्यूज,कल अर्धरात्रि से थोड़ी देर पहले माँ भारती का असली सपूत इस धरा को त्याग 86 साल की उम्र में अनंत यात्रा की ऒर चला गया, माँ भारती के उस हुनरमंद संतान का नाम है रतन टाटा, है जानबूझ कर लिखा है, रतन टाटा थे, यह उनके कृतित्व के साथ न आज मेल खाता है और न आनी वाली कई सदियों तक मुफीद लगेगा।

 

जब लंदन के रॉयल बंकिघम पैलेस में प्रिंस चार्ल्स रतन टाटा को रॉयल गेस्ट ऑफ़ ऑनर देना चाहते थे, टाटा ने भी आने की हामी भर दी थी। प्रिंस चार्ल्स ने दुनिया और यूके की तमाम डिगनट्रीज को इस फंक्शन के लिए आमंत्रित किया था। फंक्शन से एन पहले रतन टाटा ने उस रॉयल अवसर पर जाने में असमर्थता व्यक्त कर दी, क्योंकि उनके दो पालतू डॉग्स की तबीयत खराब हो गई थी। ये पूरा किस्सा लेखक सुहेल सेठ ने सार्वजनिक रूप से बयान किया है। रतन टाटा के उस रॉयल फंक्शन में न जाने से प्रिंस चार्ल्स नाराज नहीं हुए बल्कि उनके व्यक्तित्व के और भी मुरीद हो गए और कहा कि इसी वजह से रतन टाटा दूजे धनकुबेरो से एकदम भिन्न है।

 

रतन टाटा ने अपने पूरे जीवन के दौरान अनेक ऐसे काज किए है जो आने वाली पीढ़ियों को इंस्पायर करते रहेंगे।
रतन टाटा लड़कपन से थोड़े संकोची स्वभाव के थे, अविवाहित रहें, कई बार बात विवाह तक पहुंची, लेकिन संजोग नहीं बैठा।

1962 के इण्डिया-चाईना युद्ध के कारण रतन टाटा का विवाह नहीं हो पाया। उनकी गर्लफ्रेंड् अमेरिका रहती थी, लड़की के पिता को युद्ध के कारण भारत असुरक्षित लगा, टाटा को बीमार दादी के लिए भारत लौटना था, इसलिए विवाह होते होते रह गया।

जवानी में ग्रीक गॉड से दिखने वाले रतन टाटा का कोई अफेयर पब्लिक डोमेन में नहीं आया, उनकी तासीर ही ऐसी नहीं थी, जब विवाह का योग नहीं बना तो फिर पूरा जीवन टाटा समूह और भारत के लिए खपा दिया।

रतन टाटा ने अपने नेतृत्व में टाटा ग्रुप को 100 बिलियन डॉलर से पार का समूह बना दिया। दुनिया के 121 देशों में टाटा समूह आज ऑपरेशनल है। रतन टाटा का नाम कभी अमीर लोगो की सूची में नहीं आया क्योंकि टाटा संस का सारा लाभ टाटा ट्रस्ट को जाता है जो परोपकार का काज करता है।

रतन टाटा सदा कहते थे कि लोग उन्हें ऐसे व्यक्ति के रूप में याद करें जो बदलाव लाने में सफल रहा। आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस लग्ज़री गाड़ी का उपयोग अपनी निजी यात्रा के लिए करते है वो भी टाटा की है। मोदी अमूमन ब्लैक रेंज रोवर में अक्सर नजर आते है, रतन टाटा ने 2008 में फोर्ड कम्पनी की जगुआर -लैंड रोवर को खरीदा था। रतन टाटा के अनेक किस्से और कहानियां है जो हमें जीवन पर्यन्त प्रेरित करते रहेंगे। टीम आपणी हथाई की ऒर से रियल भारत रत्न को सादर नमन….

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