आपणी हथाई न्यूज,आलौकिक संत बाबा गंगाईनाथ जी महाराज की 41 वीं बरसी आगामी 25 और 26 जनवरी को उनके जामसर स्थित समाधि स्थल पर श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई जायेगी। इस मौके पर आयोजित धार्मिक अनुष्ठानों में साधु-संतों का समागम होगा और देश-प्रदेश से श्रद्धालुजन जामसर स्थित बाबा की समाधि स्थल पर धोक लगाने आयेगें।
बरसी की तैयारियों को लेकर रविवार को हुई बाबा गंगाईनाथ समाधि स्थल सेवा समिति की मीटिंग में समिति के सेवादारों को अलग अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई। यह जानकारी देते हुए समिति के अध्यक्ष एडवोकेट सुरेन्द्रपाल शर्मा ने बताया कि बाबा गंगाईनाथ जी महाराज की कृपा से हर साल पौष कृष्ण पक्ष सफला एकादशी को उनकी बरसी श्रद्धा से मनाई जाती है। इस मौके पर 25 जनवरी की सुबह बाबा की समाधि का अभिषेक कर विशेष पूजा अर्चना और ज्योत की जायेगी और रात्रि को भव्य जागरण होगा। 26 जनवरी को साधु संतों का समागम और विशाल भंडारे का आयोजन किया जायेगा। उन्होने बताया कि जागरण में ख्यातिनाम भजन और वाणी गायक गुरूओं की महिमा से जुड़े भजन वाणियों की प्रस्तुतियां देगें।
बाबा के निर्वाण दिवस पर साधू संतों के समागम में राजस्थान समेत कई प्रदेश के साधू महात्माओं का आगमन होगा और देश प्रदेश से हजारों की तादाद में श्रद्धालूजन बाबा की समाधि स्थल पर धोक लगाने आयेगें। जिन्हे भंडारे में सम्मान पूर्वक भोजन कराने के बाद समिति की तरफ से सम्मान पूर्वक दक्षिणा व वस्त्र दिये जायेगें। समिति अध्यक्ष ने बताया कि बाबा की बरसी मौके पर आने वाले साधू संतों और श्रद्धालूजनों के लिये ठहरने और खाने पीने के लिये समिति की ओर व्यवस्थाएं की जायेगी। उन्होने बताया कि आयोजन को लेकर समिति की युवा टीम में जबरदस्त उत्साह, समिति के बुजुर्ग सदस्यों के सानिध्य में युवाओं की टीम को अलग अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई है।
बाबा गंगाईनाथ महाराज की बरसी को लेकर रविवार को बाबा की समाधि स्थल प्रांगण में हुई समिति की मटिंग में अध्यक्ष एडवोकेट सुरेन्द्र पाल शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार पन्नालाल नागल, शास्त्री श्याम सुन्दर ओझा, योगेन्द्र शर्मा, रामलाल धोलेरा, रूपाराम, राकेश ओझा, रामकुमार, कानाराम, विजेन्द्र सैनी, लक्ष्मण, अनिल गुप्ता, देवेन्द्र, मोहन, उमेश, कालूसिंह, राम कुमावत, गणेश, सत्यनारायण, हिम्मत सिंह, भीखाराम चौधरी, सम्पत, पदमनाथ, श्याम शर्मा, जितेन्द्र नागल समेत बड़ी तादाद में सामाजिक कार्यकर्ता और सेवादार शामिल थे।