आपणी हथाई न्यूज, बीकानेरी भुजिया और पापड़ पर नवाचार कर उनकी फ्रेशनेस की अवधि बढ़ाने का काम किया जा सकता है। यह बात दिल्ली से आए ज्ञान संप्रभुता केंद्र के सचिव श्री विनीत गोयनका ने महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय और बेसिक पीजी कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को शुरू ‘नवाचार एवं उद्यमिता- सामाजिक, आर्थिक एवं तकनीकी परिप्रेक्ष्य’ विषयक अंतराष्ट्रीय कांफ्रेंस के उद्घाटन सत्र में कही। सेमिनार में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के वक्ता, उद्योगपति, शिक्षाविद, शोधार्थी, सामाजिक कार्यकर्ता और विद्यार्थियों ने भागीदारी निभाई।
उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि ज्ञान संप्रभुता केंद्र के सचिव श्री विनित गोयनका ने कहा कि बीकानेरी भुजिया और पापड़ को वृहद स्तर पर लाने के लिए नवाचार की आवश्यकता है, जिसके अंतर्गत यदि बीकानेरी भुजिया और पापड़ की फ्रेशनेस की अवधि बढ़ा दी जाये तो उसका उत्पादन और ज्यादा बढ़ जायेगा। उन्होंने कहा कि बीकानेर को हैरिटेज दृष्टि से बढ़ाने के लिए भी नवाचार की आवश्यकता है।
विशिष्ट अतिथि अमेरिका के डयूश के निदेशक श्री पंकज ओझा ने नवाचार को सूक्ष्म स्तर पर बताते हुए उद्यमिता की आवश्यकता व नवाचार के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भारत में टेलेंट बहुत है। उन्हें आवश्यकता है अच्छे प्लेटफार्म की। उन्होंने कई स्टार्टअप्स के बारे में जिक्र किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बीकानेर (पश्चिम) विधायक श्री जेठानंद व्यास ने कहा कि सेमिनार बीकानेर के विकास व नवाचार में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि बीकानेर के विकास के लिए वह हर समय उपलब्ध हैं और सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हुए कार्य करने का तत्पर है। उन्होंने इस सेमिनार में आए आगुन्तकों का अभिवादन किया और कहा कि बीकानेर ऐतिहासिक नगरी है, यहां व्यापार व नवाचार की अपार संभावनाएं हैं।
अध्यक्षता करते हुए महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने बताया कि बीकानेर में फूड टेस्टिंग लैब और मिल्क टेस्टिंग लैब की आवश्यकता है। यह दो लैब होने पर बीकानेर में नवाचार के कई नये आयाम हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि दो दिवसीय सम्मेलन में विभिन्न सत्रों, पैनल चर्चाओं और शोध प्रस्तुतियों के माध्यम से नवाचार और उद्यमिता के सामाजिक, आर्थिक और तकनीकी प्रभावों पर चर्चा की जाएगी वो काफी सार्थक होगी।
कॉन्फ्रेन्स संयोजक एवं महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित ने सेमिनार की रूपरेखा बताते हुए कहा कि इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य नवाचार और उद्यमिता के क्षेत्र में वैश्विक विचारधाराओं और अनुभवों को एकजुट करना है। यह मंच विचारों और समाधानों को एक नया आयाम देने का कार्य करेगा।
आयोजन सचिव डॉ. चंद्रशेखर श्रीमाली ने स्वागत उद्बोधन देते हुए बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय कान्फ्रेन्स में भारत के साथ अमेरिका, यूएसए, यूके, कनाडा, नीदरलैण्ड, जापान, तुर्की और ऑस्ट्रेलिया आदि देशों के विशेषज्ञ भागीदारी निभा रहे हैं।सेमिनार संरक्षक रामजी व्यास ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन विनय कुमार हर्ष ने किया।
सेमिनार के सह-समन्वयक डाॅ रविन्द्र मंगल ने बताया कि सेमिनार में प्रथम दिन तीन सत्रों का आयोजन किया गया। जिसमें प्रथम सत्र में डाॅ. मनमोहन सिंह यादव ने सेशन की अध्यक्षता की वहीं राजेन्द्र जोशी ने काॅ-चेयरमेन की भूमिका निभाई। वहीं ऑनलाइन माध्यम से भारत की इनोवेशन सेल के निदेशक मोहित गंभीर ने अपना विशेष व्याख्यान दिया। इस सत्र में कोटा यूनिवर्सिटी के स्किल सेंटर की डायरेक्टर डाॅ. अनुकृति शर्मा तथा एनआईटी दिल्ली के डाॅ. उज्जवल कल्ला ने अपना विशेष व्याख्यान दिया। वहीं ईसीबी के एसोसिएट व्याख्याता डाॅ. गौरव बिस्सा ने भी अपने विचार रखे।
युवा शिक्षाविद् अमित व्यास ने बताया कि सेमिनार के दूसरे सत्र में राजकीय डूंगर काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. राजेन्द्र पुरोहित ने सत्र की अध्यक्षता की। मध्यप्रदेश के सागर विश्वविद्यालय के डाॅ. मानवेन्द्र सिंह ने काॅ-चेयरमेन की भूमिका निभाई। इस सत्र में डाॅ. नरेन्द्र भोजक और देव अरस्तु ने अपना व्याख्यान दिया। ऑनलाइन माध्यम से लंदन से विषय विशेषज्ञ डाॅ. ओम कुमार हर्ष ने अपने विचार रखे। तीसरे सत्र की अध्यक्षता पूर्व प्राचार्य डाॅ. शिशिर शर्मा ने की ओर डाॅ. राकेश हर्ष ने को- चेयर की भूमिका निभाई। विद्याबाड़ी की प्राचार्य डाॅ. पुनीता सोनी और डाॅ. अमित व्यास ने अपना व्याख्यान दिया। एमजीएसयू की अस्टिेंट प्रोफेसेर डाॅ. मेघना शर्मा ने अपना विशेष व्याख्यान दिया।