आपणी हथाई न्यूज,सामाजिक कल्याण,धर्म ,कला, संस्कृति और जीव दया के प्रचार प्रसार में व सार्वजनिक सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। नाहटा त्रिपुरा के दुर्गम और निर्जन इलाकों में सड़क परिवहन शुरू करने वाले पहले व्यक्ति थे। त्रिपुरा में सबसे बड़ी रेलवे आउट एजेंसी (त्रिपुरा टाउन आउट एजेंसी) को संभालते हुए और भारी लागत और जोखिम के साथ सड़क परिवहन का एक बड़ा नेटवर्क स्थापित किया। वहीं दिल्ली और बीकानेर में मुख्य सडकों का नाम भी हरखचंद नाहटा के नाम से नामकरण किया हुआ है।
नाहटा ने अपने टेक्नीशियन स्टूडियो के माध्यम से पूर्वी भारत में सिनेमा के विकास में बहुत योगदान दिया। कलकत्ता, जिसके साथ सत्यजीत रे, ऋत्विक घटक और बासु भट्टाचार्य जैसे कई अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिनाम निर्देशक जुड़े थे। बाद में वे एक फिल्म फाइनेंसर और रियल एस्टेट कारोबारी बन गए। उन्होंने अपनी सलाह, मदद और संरक्षण के साथ फिल्मों और प्रदर्शन कला के कई उभरते कलाकारों को प्रोत्साहित किया। वे कला और साहित्य के पारखी भी थे। व्यापार और उद्योग में उनके बहुमुखी योगदान के लिए,नाहटा को भारत के उपराष्ट्रपति और दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा सम्मानित भी किया गया।
बोथरा ने बताया हरखचंद नाहटा 1990 में अखिल भारतीय जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए जो जीवनपर्यन्त रहे।
सिक्के को जारी करने के संबध में 31 मार्च 2024 को भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग ने गजट अधिसूचना भी जारी की थी। ललित नाहटा ने बताया कि यह सिक्का भारत सरकार की मुंबई टकसाल की ओर से बनाया गया है। यह 40 ग्राम है जो शुद्ध चांदी का बना है।