
आपणी हथाई न्यूज, मुफ्त रेवड़ी कल्चर के साइड इफेकट्स देश की अनेक राज्य सरकारों को झेलने पड़ रहें है। हिमाचल प्रदेश में जब से कांग्रेस सरकार बनी है, हिमाचल सरकार को मुफ्त रेवड़ी कल्चर के कारण लगातार आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही है। अब हिमाचल प्रदेश सरकार को अपनी सरकारी योजनाएं लागू करने के लिए मंदिरो के पैसे मांगने की नौबत आ गई है।
हिमाचल प्रदेश सरकार की ऒर से प्रदेश के जिला कलेक्टर्स को पत्र लिखकर सरकार की सुख शिक्षा योजना और मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना को लागू करने के लिए मंदिरो से अंशदान कलेक्ट करने की बात कही गई है। हिमाचल सरकार के अधीन 36 बड़े मंदिर आते है, वहां से पैसा कलेक्ट करने की कही गई है।


वही भाजपा ने हिमाचल सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि यह फैसला सनातन धर्म के विरुद्ध है। हिमाचल के पूर्व भाजपा सीएम रहें जयराम ठाकुर ने कहा कि अब तक मंदिरो का पैसा मुख्यमंत्री राहत कोष,कोरोना काल या प्राकृतिक आपदा के लिए काम में लिया जाता था, पहली बार मंदिरो का धन, सरकारी योजनाओं को लागू करने के लिए काम में लिया जाएगा, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। वही हिमाचल सीएम सुखविंदर सिंह ने कहा कि परोपकारी योजनाओं के लिए मंदिरो का पैसा पहले भी काम में लिया जाता रहा है।
मनोज रतन व्यास