आपणी हथाई न्यूज, राजस्थान कांग्रेस में इन दिनों सब कुछ ठीक नज़र नही आ रहा है। सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच चल रही लड़ाई अब कही न कही गहलोत पर भारी पड़ती दिख रही है। बीते दिनों सीएम पद को लेकर हुए सियासी घटनाक्रम के बाद अशोक गहलोत को आलाकमान की नाराजगी झेलनी पड़ी जो अभी तक खत्म होने का नाम नही ले रही। दरअसल, सैफई में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के अंतिम संस्कार का कार्यक्रम था। इसमें शामिल होने के लिए कांग्रेस आलाकमान के प्रतिनिधि के रूप में भूपेश बघेल और कमलनाथ को भेजा गया है। जब पार्टी प्रतिनिधि के रूप में बघेल का नाम सामने आया तो सीएम अशोक गहलोत भी मंत्री राजेंद्र यादव, पूर्व सांसद करण सिंह यादव और विधायक संदीप यादव के साथ मुलायम सिंह के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए रवाना हुए और उन्हें श्रद्धाजलि अर्पित की।
अब तक हर मोर्चे पर गांधी परिवार के साथ नजर आने वाले गहलोत को इस बार आलाकमान की नाराजगी झेलनी पड़ी और प्रतिनिधि के तौर पर कमलनाथ और भूपेश बघेल को सैफई भेजा गया था। नाम न होने के बावजूद गहलोत ने सैफई पहुंचकर आलाकमान से किसी बगावत की शुरुआत तो नही कर दी है ? यह कहना अभी जल्दबाजी हो सकता है मगर आने वाले सियासी दिनों में इसका सटीक अंदाजा लग जायेगा।
गिरीश कुमार श्रीमाली