केंद्र सरकार द्वारा 2019 से सरकारी नौकरियां और उच्च शिक्षा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10% आरक्षण देने का अहम फैसला किया सरकार के इस फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई और 30 से ज्यादा याचिकाएं डाली गई थी जिस पर सर्वोच्च न्यायालय की पांच सदस्य वाली बेंच ने सुनवाई करते हुए 27 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाली इस बैंच ने अहम फैसला सुनाते हुए 3-2 से ईडब्ल्यूएस आरक्षण को जारी रखने पर अपनी मुहर लगा दी। बैंच के जस्टिस दिनेश महेश्वरी, जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने आरक्षण को सही ठहराया वही ईडब्ल्यूएस आरक्षण को जारी रखने पर चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस रविंद्र भट्ट ने असहमति जताई।