राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने तथा राजस्थान सरकार द्वारा राजस्थानी को राजभाषा घोषित करवाने को लेकर राजस्थानी मोट्यार परिसद तथा अन्य मायड़भाषा प्रेमियों के संयुक्त तत्त्वाधान में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर 21 फरवरी 2023 को बीकानेर कचहरी परिसर में लुंठौ धरणो कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
आयोजन से सम्बंधित जानकारी देते हुए राजेश चौधरी ने बताया कि लुंठौ धरणो कार्यक्रम में राजस्थानी फिल्म अभिनेता, तथा राजस्थानी भाषा मे हास्य वीडियो बनाने वाले कलाकारों की पूरी टीम धरना स्थल पर पहुंचेगी।
फ़िल्म एक्टर युधिष्टर सिंह भाटी, भोलू की कॉमेडी, तथा मुकेश कॉमेडियन, सजनी जी, बबलू शेखावत सहित अन्य सभी कलाकारों ने लुंठौ धरणो में शामिल होने हेतु अपने अपने वीडियो के मार्फ़त धरने में शामिल होने हेतु आमजन से अपील की।इसके साथ ही वरिष्ठ साहित्यकारों जिसमे कवि कथाकार राजेन्द्र जोशी, केंद्रीय साहित्य अकादमी पुरुस्कृत कमल रंगा, वरिष्ठ साहित्यकार मधु आचार्य आशावादी सहित अनेक साहित्यकारों ने धरने को अधिकाधिक सफल बनाने हेतु सभी साहित्यकारों से अनुरोध किया।
इससे पूर्व डॉ गौरी शंकर प्रजापत ने सादुल भ्रमण पथ पर आयोजित होने वाले कवि चौपाल में वरिष्ठ साहित्यकार कृष्णलाल बिश्नोई,नेमीचंद, बाबूलाल, सरदार अली पड़िहार,लीलाधर सोनी सहित अनेकानेक साहित्यकारों को धरने में शामिल होकर मायड़भाषा को मान दिलवाने का आग्रह किया।
मोट्यार परिसद के डॉ हरिराम बिश्नोई ने बताया कि राजस्थानी भाषा का आंदोलन बहुत लंबे समय से चला आ रहा है अब तो सरकार को राजस्थानियों को उनका हक मिलना चाईये।
मोट्यार परिसद के ही प्रशांत जैन ने बताया कि वर्तमान सरकार के 160 से ज्यादा विधायको तथा मंत्रियों ने राजस्थानी भाषा के पक्ष में मुख्यमंत्री महोदय जी को पत्र लिखा है फिर भी राजस्थानी भाषा की उपेक्षा होना दुर्भाग्यपूर्ण है मोट्यार परिसद
द के रामावतार उपाध्याय ने बताया कि राजस्थानी भाषा की मान्यता से राजस्थान के बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगा तथा राजस्थानी संस्कृति का संरक्षण हो सकेगा।
राजस्थानी भाषा आंदोलन से जुड़ी सुमन शेखावत ने बताया कि बीकानेर कचहरी परिसर में आयोजित होने वाले लुंठौ धरणो कार्यक्रम में राजनेता, अभिनेता, साहित्यकार,विद्यार्थियों सहित मायड़भाषा समर्थकों को एक मंच पर आने की सख्त आवश्यकता है अगर सब एक हो जायेगे तो राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार पर दबाव पड़ेगा तथा राजस्थानी भाषा को उसका हक मिल सकेगा। मदन दान रतनु तथा भरत दान ने कहा कि विद्यार्थियों को इस आंदोलन का हिस्सा बनना चाहिए।
राजस्थानी मोट्यार परिसद की पूरी टीम ने अधिक से अधिक भाषा समर्थकों को धरने में पधारने हेतु अनुरोध किया। प्रचार- प्रसार में भगवानाराम, मुकेश रामावत, मुकेश सिंधायाच, दिलीप उपाध्याय, धीरज पंचारिया,एडवोकेट सुग्रीव सांखला सहित अनेक पदाधिकारियों ने विभिन्न जगहों पर मीटिंग कर लोगो को धरने में पधारने हेतु आग्रह किया।