आपणी हथाई न्यूज़,
राजस्थान की सियासत में बीते 3 सालों से कॉन्ग्रेस 2 धड़ो में बटी हुई नजर आ रही है। जहां एक खेमे का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नेतृत्व कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर एक धड़े का नेतृत्व सचिन पायलट कर रहे हैं। प्रदेश के लगभग हर संभाग में दोनों खेमों के नेता अपनी अपनी ताकत दिखाने में लगे हैं वही प्रदेश का बीकानेर संभाग ऐसा संभाग है जहां पायलट गुट का ज्यादा प्रभाव नहीं दिखाई दे रहा। विशेषकर बीकानेर जिले के अंदर पायलट गुट का कोई भी निर्वाचित नेता नहीं है, ऐसे में AICC पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी का बीकानेर दौरा अहम माना जा रहा है।
हरीश चौधरी पायलट गुट के माने जाते हैं और इस महीने बाड़मेर में हुई सचिन पायलट की विशाल जनसभा में भी हरीश चौधरी सचिन पायलट के साथ खड़े नजर आए, कई ऐसे मौके भी आए हैं जब हरीश चौधरी ने खुलकर मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोला है। आज हरीश चौधरी बीकानेर आए और बीकानेर के सर्किट हाउस में उन्होंने पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी और ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी से मुलाकात की। रामेश्वर डूडी कभी सचिन पायलट के करीबी माने जाते थे लेकिन फिलहाल रामेश्वर डूडी अशोक गहलोत के समर्थक माने जाते हैं। रामेश्वर डूडी ने नोखा के जसरासर गांव में मुख्यमंत्री गहलोत को बुलाकर बड़ी किसान सभा करवाकर प्रदेश भर में सुर्खियां बटोरी थी, वही ऊर्जा मंत्री भाटी मुख्यमंत्री गहलोत के समर्थक माने जाते हैं। मानेसर मामले के दौरान ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी गहलोत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे।
आज बीकानेर के सर्किट हाउस में पायलट गुट के हरीश चौधरी और गहलोत गुट के रामेश्वर डूडी और भंवर सिंह भाटी की मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। गौरतलब है कि बीते कुछ महीनों से विशेषकर सितंबर 2022 के बाद पायलट और गहलोत गुट के नेता आपस में मुलाकात भी नहीं कर रहे हैं ऐसे दौर में हरीश चौधरी, रामेश्वर डूडी और भंवर सिंह भाटी की मुलाकात कई सियासी संदेश दे रही हैं।
रामेश्वर डूडी बड़े जाट नेता माने जाते हैं और कभी पायलट के साथ भी दिखाई देते थे, डूडी ने गहलोत के खिलाफ आरसीए चुनाव के दौरान मोर्चा भी खोला था और उसके बाद वह लगातार पायलट के साथ खड़े दिखाई दिए थे। फिलहाल रामेश्वर डूडी अशोक गहलोत खेमे के बड़े जाट नेता माने जाते हैं। ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी गहलोत गुट के माने जाते हैं साथ ही भंवर सिंह भाटी रामेश्वर डूडी के भी बेहद नजदीकी माने जाते हैं।
इस मुलाकात के बाद यह कयास लगाया जा रहा है कि क्या हरीश चौधरी बीकानेर में रामेश्वर डूडी और भंवर सिंह भाटी को साधने के लिए बीकानेर आए हैं, क्योंकि भंवर सिंह भाटी राजेंद्र गुढ़ा के नजदीकी रिश्तेदार है और राजेंद्र गुढ़ा इन दिनों खुलकर सचिन पायलट के समर्थन में बैटिंग कर रहे हैं इसके चलते यह माना जा रहा है कि भंवर सिंह भाटी को पायलट के समर्थन में साधने का प्रयास किया जा रहा है वही रामेश्वर डूडी कभी पायलट के साथ खड़े रहे हैं उन्हें दोबारा पायलट के समर्थन में लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रदेश में पायलट और गहलोत एक दूसरे को शह और मात देने का खेल खेल रहे हैं ऐसे में हरीश चौधरी के बीकानेर दौरे को इसी खेल से जोड़कर देखा जा रहा है। अगर हरीश चौधरी की बीकानेर में मिशन पायलट के तहत आए हैं तो यह एक बड़ा आर्टिकल ऑपरेशन होगा क्योंकि बीकानेर ऐसा जिला है जो मुख्यमंत्री गहलोत का गढ़ माना जाता है यहां सात विधानसभा सीट में तीन सीट कांग्रेस के पास है और तीनों विधायक सरकार में मंत्री है इस नजरिए से बीकानेर गहलोत का अभेद्य गढ़ है। अब यह देखना होगा कि क्या गहलोत के अभेद्य गढ़ में पायलट गुट सेंधमारी कर पाता है या नहीं।
बलदेव रंगा