आपणी हथाई न्यूज़,प्रदेश में आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीकानेर पश्चिम विधानसभा सीट पर सियासी घमासान शुरू हो गया है। बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक व राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉक्टर बीडी कल्ला और मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है। बीकानेर की पश्चिम विधानसभा सीट मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा के बयानों से चर्चा में है तो वही शिक्षा मंत्री डॉक्टर बीडी कल्ला के बयान भी सुर्खियां बटोर रहे हैं।
दरअसल बीकानेर विधानसभा सीट को लेकर बीते कुछ समय से यह कयास लगाया जा रहा है कि मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा यहां से चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा बीते कुछ समय से बीकानेर में लगातार आ रहे हैं जिससे इस सियासी बहस को पंख मिल रहे हैं साथ ही इस विषय पर लोकेश शर्मा भी स्पष्ट बयान नहीं दे रहे जिसके चलते अब बीकानेर पश्चिम विधानसभा सीट सुर्खियों में आ गई है।
मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा ने आज एक बार फिर सियासी बयान देकर बीकानेर की सियासत को गर्म कर दी है। मुख्यमंत्री के ओएसडी शर्मा ने आज एक निजी चैनल को बातचीत में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि हम नौजवान डॉक्टर बीडी कल्ला के मार्गदर्शन में तैयार हैं। शर्मा के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है। शिक्षा मंत्री डॉक्टर बीडी कल्ला के समर्थक सोशल मीडिया पर खुलकर मंत्री कल्ला के समर्थन में टिप्पणियां कर रहे हैं साथ ही लोकेश शर्मा के बयान की आलोचना भी कर रहे हैं।
गौरतलब है कि शिक्षा मंत्री डॉक्टर बीडी कल्ला के बयान के बाद कांग्रेस के युवा नेता अरूण व्यास ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर चुनाव लड़ने के लिए तैयार होने की बात कही थी इसके अलावा बीकानेर में और भी कई ऐसे नेता है जो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं, लेकिन अब बीकानेर में मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा का नाम आने के बाद बीकानेर की सियासत में एक बार फिर गर्माहट आ गई है।
आपको बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में भी शिक्षा मंत्री डॉक्टर बीडी कल्ला का टिकट काट दिया गया था जिसके बाद डॉक्टर बीडी कल्ला के समर्थक सहित बीकानेर की आम जनता ने भी इसका विरोध किया था जिसके बाद डॉक्टर बीडी कल्ला को टिकट दिया गया। कुल मिलाकर बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में एक बार फिर हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामा शुरु हो गया है जिसका पटाक्षेप चुनाव से पहले टिकट वितरण के वक्त ही होगा।