आपणी हथाई न्यूज, राजस्थान में इन दिनों सियासी गलियारों में परिवर्तन संकल्प यात्रा के बहाने बीजेपी घूम-घूम कर अपने वोटर्स, नेता और कार्यकर्ताओं को एकजुट करने का प्रयास कर रही है। रविवार को जहा बीजेपी की संकल्प रैली बीकानेर पहुंची और सोमवार को दिग्गज नेता देवीसिंह भाटी के विधानसभा क्षेत्र देशनोक से होते हुए चूरू जिले के लिए कूच करेगी। इस बीच दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में कांग्रेस की पूर्व सांसद और राजनीति में नागौर के रसूख रखने वाले परिवार से आने वाली ज्योति मिर्धा ने बीजेपी का दामन थाम लिया। आपको बता दे कि ज्योति मिर्धा नाथूराम मिर्धा की पोती है जो मारवाड़ बेल्ट के कद्दावर जाट नेता रहे हैं।
ज्योति मिर्धा की ज्वॉइनिंग के बाद नागौर जिलें में सियासी समीकरण बदलतें नजर आ रहे है। वही इसी क्रम में रिटायर्ड आईपीएस सवाई सिंह चौधरी ने भी बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। आपकों बता दे कि सवाई सिंह चौधरी नागौर जिले के खींवसर गांव से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके है।
इस सब के बीच एक बार फिर पूर्व काबीना मंत्री देवीसिंह भाटी के समर्थकों के हाथ निराशा ही हाथ लगती नजर आ रही है। दअरसल संकल्प यात्रा के बीकानेर पहुंचने से पूर्व अटकलों का बाजार गर्म था कि भाटी की बीजेपी में वापसी हो सकती है। लेकिन इस बार भी ऐसा नही हो सका जब भाटी को बीजेपी से फिर से हाथ मिलाने का मौका मिला हो। राजनीति से जुड़े लोगों का मानना है कि आने वाले दिनों में राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह के जयपुर लौटने पर भाटी की वापसी हो सकती है। बरहाल राजस्थान की राजनीति में आने वाले दिनों में क्या क्या उठापटक होती है ये धीरे धीरे ही सही पर क्लियर जरूर हो जाएगा।