आपणी हथाई न्यूज, देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान के बाद सभी पार्टियां तैयारियों में लग गई है। बात अगर राजस्थान सियासत की करें तो राजस्थान बीजेपी ने अपने 41 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। वही अब राजनीति में रुचि रखने वालों को कांग्रेस की सूची का इंतज़ार है। अब तक हुए सियासी घटनाक्रम को देखकर लग रहा है कि प्रदेश की ताकतवर नेता और पूर्व सीएम वसुंधरा को बीजेपी आलाकमान ने उम्मीदवारों की सूची में वो तवज्जों नही दी जिसकी वो हकदार थी।
ऐसे कई नाम थे जो वसुंधरा खेमे से आते थे जिस पर आलाकमान की कैंची चल गई। वही दूसरी ओर राजस्थान के मुखिया अशोक गहलोत भी पसोपेश में नजर आ रहे है। सीएम साहब की मजबूरी ये है की वर्तमान मंत्रियों और विधायकों की नाराजगी से उनके सारे दांव उल्टे पड़ सकते है। इसलिए गहलोत पिछले पांच साल में सरकार गिरने से बचाने वाले मंत्रियों और विधायकों की टिकट के लिए पैरवी कर रहे है।
वही इस बार टिकट के लिए हरी झंडी दिल्ली बैठे आलाकमान तय करेंगे। अब वसुंधरा के अपने आलाकमानों से पहली सूची में तवज्जों नही मिलने के बाद ये डर सता रहा है कि कही ऐसा सियासी घटनाक्रम उनके साथ भी न हो जाये। क्योंकि अब तक हुए पार्टी के सर्वे राजस्थान में कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों की कुछ अलग कहानी बयां कर रहे है।
बरहाल दिल्ली में हुई बैठक के बाद गहलोत ने मीडिया को 18 तारीख सूची जारी होने की बात कही है। वही राजनीती से जुड़ी खबरों की माने तो करीब 8 दर्जन (96) नाम फाइनल हो गए हैं। बताया ये भी जा रहा है कि बीकानेर की कोलायत सीट से भंवर सिंह, पश्चिम सीट से डॉ बी डी कल्ला, नोखा सीट से रामेश्वर डूडी के भतीजे अतुल डूडी,श्री डूंगरगढ से मंगलाराम गोदारा और खाजूवाला से गोविंदराम मेघवाल के नाम पर मुहर लग सकती है। हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो ये नाम अभी कयास भर है क्योंकि अन्तिम फैसला दिल्ली में बैठे आलाकमान तय करेंगे और जिन्होंने कांग्रेस पार्टी से ज्यादा व्यक्ति विशेष को महत्व दिया है उनका टिकट खतरे में है