आपणी हथाई न्यूज,प्रज्ञालय संस्थान एवं राजस्थानी युवा लेखक संघ के संयुक्त तत्वावधान में गत 45 वर्षो की निरन्तर परंपरा के चलते इस वर्ष भी महान् इटालियन विद्वान राजस्थानी पुरोधा डॉ. एल.पी. टैस्सीटोरी की 136वंी जयंती तीन दिवसीय ‘ओळू समारोह’ के रूप में दिनांक 13 से 15 दिसम्बर, 2023 तक मनाया जाएगा।
संस्था के प्रदेशाध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार कमल रंगा ने बताया की राजस्थानी भाषा, साहित्य संस्कृति एवं पुरातत्व के लिए समर्पित राजस्थानी के महान् विद्वान डॉ. लुईजि पीओ टैस्सीटोरी के महत्वपूर्ण कार्यो को जन-जन तक पहुंचाने का उपक्रम संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है। इसी कड़ी में प्रति वर्ष दो दिवसीय या तीन दिवसीय समारोह उन्हें नमन एवं स्मरण करने बाबत आयोजित किए जाते है एवं वर्ष 2022 से टैस्सीटोरी के नाम से राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम करने वाली प्रदेश या प्रदेश के बाहर की विभूतियों को सम्मानित करने का भी परंपरा प्रारंभ की गई है। इसी संदर्भ में वर्ष 2022 में राजस्थान से बाहर कोलकाता की तीन विभूतियों का सम्मान किया गया।
कार्यक्रम के संयोजक वरिष्ठ शायर कासिम बीकानेरी ने बताया कि ‘ओळू समारोह’ के प्रथम दिन 13 दिसम्बर, 23 वार बुधवार को प्रातः 11 बजे टैस्सीटोरी समाधि स्थल पर ‘पुष्पांजलि एवं शब्दांजलि’ का आयोजन रखा गया है।
समारोह के सहसंयोजक वरिष्ठ शिक्षाविद् एवं कवि संजय सांखला ने बताया कीे समारोह के दूसरे दिन 14 दिसम्बर, 23 वार गुरूवार को पहली बार 2022 से टैस्सीटोरी के नाम से प्रारंभ किए गए राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली विभूतियों का सम्मान किया जाएगा। इस सम्मान समारोह में राजस्थानी साहित्य के लिए देश के ख्यातनाम साहित्यकार-आलोचक डॉ मदन केवलिया को टैस्सीटोरी साहित्य प्रज्ञा-सम्मान-2023, इस कडी में राजस्थानी भाषा से संबंधित राजस्थानी के वरिष्ठ कवि आलोचक-संपादक डॉ मदन सैनी को टैस्सीटोरी भाषा प्रज्ञा सम्मान-2023 एवं राजस्थान और राजस्थान से बाहर कोलकाता में राजस्थानी संस्कृति के लिए समर्पित वरिष्ठ संस्कृतिकर्मी हिंगलाज दान रतनू को टैस्सीटोरी संस्कृति प्रज्ञा सम्मान-2023 का अर्पण एक भव्य समारोह के तहत स्थानीय नागरी भण्डार सुदर्श कला दीर्घा में किया जाएगा।
समारोह के प्रभारी युवा शिक्षाविद् एवं संस्कृतिकर्मी हरिनारायण आचार्य ने बताया की ‘ओळू समारोह’ के अन्तिम तीसरे दिन 15 दिसम्बर, 2023 वार शुक्रवार को प्रातः 9 बजे सृजन सदन नत्थूसर गेट बाहर से एक प्रभात फेरी का आयोजन रखा गया है। जिसमें नई पीढी द्वारा अपनी मातृभाषा राजस्थानी जो करोडों लोगों की जन भावना, अस्मिता एवं सांस्कृतिक पहचान है उसके वाजब हक की मांग राजस्थानी की संवैधानिक मान्यता एवं प्रदेश की दूसरी राजभाषा के संदर्भ में होगी।