आपणी हथाई न्यूज, वर्तमान परिदृश्य में नेता हो या मीडिया किसी के पास बीजेपी आलाकमान या यों कहें कि अमित शाह और मोदी से जुड़ी खबरें तब तक सामने नही आ पाती जब तक वो खुद चाह न रखें। इसका ताजातरीन उदाहरण मंगलवार को भी देखा गया। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने जब नए सीएम के नाम की पर्ची खोली तो वो खुद चौंक गई उन्हें एक झटका लगा जो अब भी उनके जेहन में होगा ही। बरहाल राजे सहित अन्य नेता हो या मीडिया राजस्थान के नए सीएम भजनलाल शर्मा के नाम ने सबको चौंकाया है। अब बात करें पूर्व सीएम वसुंधरा की तो उन्हें इस बार सीएम नही बनाया गया है। तो क्या राजे का राजस्थान से राज खत्म हो गया हैं या राजे मोदी-शाह के इस फैसले पर बगावत कर सकती है ? हालांकि अभी के हालातों में यह कहना थोड़ी जल्दबाजी मानी जायेगी।
आने वाले लोकसभा चुनावों के बाद राजस्थान की राजनीति का परिदृश्य बदल सकता है। वही वसुंधरा को इस बार सीएम न बनाने के तीन मुख्य कारण भी माने जा रहे है जिसमें राजस्थान भाजपा की एकजुटता पर लंबे समय से सवालिया निशान उठ रहे थे। वही दूसरा कारण आने वाले लोकसभा चुनावों के लिहाज से वसुंधरा जातिगत समीकरण में फिट नही बैठ रही थी तो तीसरा कारण 2013 में सीएम बनने के बाद भी हार का मुंह देखना पड़ा। जबकि भाजपा की रणनीति रिवाज बदलने की थी और वापस सरकार बनाने की थी।
आने वाले दिनों में क्या हो सकता है
वसुंधरा वर्तमान मे झालरापाटन से विधायक बनी है साथ बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी है। संगठन के लिहाज से उनका कद अब भी मजबूत है । अब देखने वाली बात ये होगी कि राजे को क्या केंद्रीय राजनीति के लिए लोकसभा सचुनाव लड़वाया जाएगा जबकि राजे के पुत्र दुष्यंत वर्तमान मे सांसद है। या फिर राजे के लिए राज्यपाल या किसी बड़े पद पर वसुंधरा को सेट किया जाएगा। अभी सब कुछ राजनीति के गर्भ में है। कुछ राजनीतिक पंडितो की माने तो वसुंधरा ही अमित शाह और मोदी को आंख दिखाने का माद्दा रखती है और उनके मन मुताबिक कुछ नही हुआ तो पूर्व सीएम बगावत तक कर सकती है।
गिरीश कुमार श्रीमाली