आपणी हथाई न्यूज़, नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 127 वीं जयंती के अवसर पर संस्कृति मंत्रालय द्वारा लाल किले में नेताजी पर केंद्रित प्रोजेक्शन मैपिंग शो एवं विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। पराक्रम दिवस के अवसर पर 23-31 जनवरी 2024 तक चलने वाली इस प्रदर्शनी का उद्घाटन कल माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा किया गया।
इस अवसर पर साहित्य अकादेमी ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस पर विभिन्न भारतीय भाषाओं में प्रकाशित लगभग 170 पुस्तकों की प्रदर्शनी का आयोजन किया है। पुस्तकों की प्रदर्शनी के साथ ही उन पुस्तकों के प्रमुख अंश के 24 पैनल भी बनाए गए हैं, जिन्हें सुरुचिपूर्ण ढंग से प्रदर्शित किया गया है। कल साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने माननीय प्रधानमंत्री को इन पैनलों एवं पुस्तक प्रदर्शनी का अवलोकन कराया। इन पैनलों में सुभाषचंद्र बोस के जीवन के विभिन्न पड़ावों जैसे उनकी शिक्षा-दीक्षा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में प्रवेश, सशस्त्र क्रांति की वकालत, कांग्रेस अध्यक्ष बनने, गाँधी और नेहरू से उनके मतभेद, आजाद हिंद फौज के निर्माण और अंग्रेजों से युद्ध आदि के बारे में बताया गया है। इन सभी पैनलों के आधार पर हम समझ पाते हैं कि सुभाषचंद्र बोस किस तरह महान देशभक्त, विद्वान, संघर्षशील नेता, दार्शनिक एवं अध्यात्म में गहरी रुचि लेने वाले महान व्यक्तित्व बने।
31 जनवरी तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में चित्र एवं पुरालेख प्रदर्शनी, चित्रकला एवं मूर्तिकला प्रदर्शनी एवं ए आर, वी आर प्रदर्शनी भी लगाई गई है।