आपणी हथाई न्यूज,राजस्थान के चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के बयान ’’ चिकित्सक अनावश्यक जांच कर अनैतिक रूप से धन अर्जित कर रहे है’’ के बयान का राजस्थान के विभिन्न जिलों के साथ बीकानेर के चिकित्सकों के संगठन ’’उपचार’’, इंडियन मेडिकल एसोसिशन, मेडिकल प्रेक्टिशनर सोसायटी सहित विभिन्न संगठनों की रविवार को मारवाड़ अस्पताल में हुई सभा कर विरोध किया गया तथा सामूहिक रूप से चिकित्सा मंत्री के बयान की निंदा की है।
सभा में उपचार के अध्यक्ष व बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. गौरव गोम्बर ने कहा कि करोनाकाल में चिकित्सकों को ईश्वर का रूपक देकर पुष्प वर्षा कर लोगों ने दिल से अभिनंदन किया। वो ही चिकित्सक, चिकित्सा मंत्री को भ्रष्ट व अनैतिक कार्य करने वाले लग रहे है। चिकित्सक, रोगी को ईश्वर का अंश मानकर हर हालत में उसको स्वस्थ करने का कार्य जी जान से करता है। करोनाकाल में चिकित्सक यह साबित कर चुके है आवश्यकता के अनुसार वे रोगियों की जी जान से जीवन बचाने तत्पर रहेंगे। चिकित्सा मंत्री का यह बयान गैर जिम्मेदाराना व सरकार की छवि खराब करने वाला है। उपचार के सचिव डॉ.रोचक तातेड़ ने कहा कि सरकार की दवा नीति भी गलत है । सरकार जेनरिक दवाओं पर अधिक मूल्य छापने की अनुमति क्यों दे रही है, जिस दवा की कीमत एम.आर.पी. के 20 प्रतिशत भी नहीं होती। अगर कीमत कम होगी तो किसी चिकित्सक पर कमीशन खाने का इल्जाम लगा नहीं पाएगा।
मेडिकल प्रैक्टिशनर सोसायटी के अध्यक्ष डॉ.ए.पी.वाहल, सचिव डॉ.अरुण तुनगरिया, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ.विकास पारीक ने कहा कि चिकित्सा मंत्री को अपने इस बयान के लिए खेद प्रकट करना चाहिए और मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को उनके खिलाफ इस बयान के लिए कार्यवाही की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की या मेडिकल काउंसिल की सभी गाइड लाइन का चिकित्सक पालन करते है, फिर अनावश्यक जांच करवाने का बेबुनियाद आरोप रोगियों को गुमराह करने वाला है। जांच से ही रोगी की बीमारियों का पता सही रूप में लगता है।
चिकित्सकों ने कहा कि चिकित्सा मंत्री सरकारी व निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकों की लंबित मांगों को विचार करने, चिकित्सक व रोगी के बीच सामंजस्य स्थापित करवाते हुए राजस्थान में आम लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा सुलभ करवाने पर विचार व कार्य नहीं कर बेतुकी बयान दे रहे है। चिकित्सकों ने कहा कि चिकित्सकों की छवि खराब करने वाले मंत्री पर कार्यवाही नहीं करने पर राज्य के समस्त चिकित्सक आंदोलन के लिए मजबूर हो जाएंगे। इस अवसर पर हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.बी.एल. स्वामी, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.बी.एल.शर्मा, डॉ.सुचित्रा बोथरा, सहित मारवाड़ अस्पताल सहित विभिन्न निजी अस्पतालों के चिकित्सक मौजूद थे।