आपणी हथाई न्यूज, न्यायाधीश बीरेंद्र कुमार ने यादराम व अन्य की याचिका खारिज करते हुए यह आदेश दिया कि शादीशुदा महिला का लिव इन रिलेशनशिप में रहकर किसी अन्य व्यक्ति के साथ सम्बन्ध बनाना अपराध नही हैं।,लेकिन जीवनसाथी के रहते दूसरी शादी करना सम्भव नही।
भरतपुर के पहाड़ी थाने में दर्ज एक मामला हाइकोर्ट पहुंचा तो प्रार्थी ने अपनी पत्नी के अपहरण का मामला था। इस पर पत्नी ने कोर्ट में शपथ पेश कर बताया कि आरोपी उसे अपहरण कर के नही ले गया था बल्कि वह अपनी मर्जी से उसके साथ रिलेशनशिप में रह रही थी।पत्नी की इस याचिका पर हाई कोर्ट ने एफआईआर भी रद्द कर दी और सुप्रीम कोर्ट के 2010 के एक फैसले का हवाला देकर बताया कि वयस्क का स्वेच्छा से किसी से यौन संबंध बनाना अपराध नही है। याचिका से सम्बंधित मामलें में पत्नी ने दूसरी शादी नही की है। अपनी मर्ज़ी से घर छोड़ा और आरोपियों में से एक के साथ रह रही है,ऐसे में इस मामलें में दखल नही किया जा सकता।