आपणी हथाई न्यूज,वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान श्री विष्णु के नौवें अवतार भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इस दिन को बुद्ध पूर्णिमा या बुद्ध जयंती के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि को बेहद ही शुभ माना जाता है। इस दिन स्नान-दान का भी बहुत अधिक महत्व होता है।
वैशाख माह (माधव माह)हिन्दू माह का दूसरा महीना है पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि पर विशाखा नक्षत्र होने के कारण इसका नाम वैशाख पड़ा है इस माह को माधव माह के नाम से भी जानते है। इस वर्ष वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि के दिन शिवयोग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है इसके साथ ही इस दिन विशाखा नक्षत्र भी रहता है इसलिए इस दिन कुछ उपाय करने से आर्थिक तंगी दूर होगी साथ ही पितृ दोष से भी मुक्ति मिल जाएगी वैसे तो पूर्णिमा तिथि बेहद शुभ मानी जाती है, लेकिन वैशाख पूर्णिमा का महत्व ही खास होता है। गुरुवार और विशाखा नक्षत्र में वैशाख पूर्णिमा का व्रत रखने से जातक के जीवन में सभी प्रकार के कष्ट समाप्त हो जाते हैं और आर्थिक तंगी से छुटकारा मिल जाता है।
पूर्णिमा तिथि हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के पश्चात होती है सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व बताया गया है हिंदू पंचांग के अनुसार, गुरुवार 23 मई 2024 को वैशाख पूर्णिमा है। वैशाख पूर्णिमा तिथि के दिन सत्यनारायण भगवान की कथा, भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा की जाती है।
आखिर वैशाख पूर्णिमा का महत्व इतना खास क्यों है?
वैशाख पूर्णिमा धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। वैशाख पूर्णिमा को यम पूर्णिमा भी कहते हैं। वैशाख पूर्णिमा के दिन यम की प्रताड़ना से मुक्ति पाने के लिए अपने पितरों के निमित्त जलयुक्त घड़े का दान भी किया जाता है। मान्यता है कि हमारे पितर जब नर्कलोक में तपती रेत में अपने आप को विकल महसूस करते हैं तो उनके कुल के वंशज जलयुक्त घड़े का दान करके उनकी मुक्ति के लिए भगवान विष्णु से प्रार्थना करते हैं इस दिन जल, शरबत आदि का दान करना बहुत ही लाभकारी होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से परम लोक की प्राप्ति होती है।वैशाख पूर्णिमा के दिन पीपल पूजन का भी विशेष महत्व बताया गया है इस दिन सूर्य उदय से पहले उठकर पीपल पूजन करके परिक्रमा करें पीपल में भगवान विष्णु का वास माना गया है। वैशाख का महीना भगवान विष्णु को प्रिय है, ऐसे में पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं.
वैशाख पूर्णिमा शुभ मुहूर्त :-
1. वैशाख पूर्णिमा प्रारंभ तिथि: बुधवार, 22 मई 2024 शाम 05:23 PM से शुरू।
2. वैशाख पूर्णिमा समाप्त तिथि: गुरुवार, 23 मई 2024 शाम 05:54 PM पर समाप्त।
3. उदय तिथि के अनुसार वैशाख पूर्णिमा का व्रत 23 मई 2024 को रखा जाएगा।
पूजा विधि :-
वैशाख पूर्णिमा के दिन पूजा करने के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें यदि आप गंगा स्नान कर सकते हैं तो जरूर करें, अन्यथा घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। स्नान के पश्चात वैशाख पूर्णिमा व्रत का संकल्प ले पीपल पूजन करके विधि-विधान से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें देवी-देवताओं को प्रिय भोग लगाएं और बाद में प्रसाद घर परिवार में वितरित करें।
वैशाख पूर्णिमा पर जरूर करें ये काम :-
वैशाख पूर्णिमा के दिन पशु-पक्षियों के लिए खाने और पानी का विशेष इंतजाम करें घर की छत पर मिट्टी के बर्तन में पानी भरकर जरूर रखें धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि का आगमन होता है। वैशाख पूर्णिमा के दिन दान करने का विशेष महत्व है अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान अवश्य करें वैशाख पूर्णिमा के दौरान गर्मी का प्रभाव अधिक होता है ऐसे में ठंडे पेय पदार्थ, जल, मिट्टी के मटके आदि का दान कर सकते हैं। जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और दक्षिणा का भी दान करें ऐसा करने से धन की देवी मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।