आपणी हथाई न्यूज़,राजस्थान ललित कला अकादमी ,कला संस्कृति विभाग जयपुर की ओर से आयोजित बीकानेर के राजकीय उच्च अध्ययन शिक्षा संस्था (IASE) में चल रहे ग्रीष्म कालीन प्रशिक्षण मथेरन कला में बच्चो ने आज मथेरी कला में भगवान विष्णु के चौबिस अवतारों को अलग अलग सरफेश पर चित्रित किया।
15 दिवसीय इस शिविर में मथेरी कला के प्रशिक्षक मूलचंद महात्मा समन्वयक मोना सरदार डूडी सहायक कमल जोशी और सह संयोजक सुनील दत्त रंगा ने बीकानेरी बादल के साथ भगवान विष्णु के24 अवतारों को पेपर प्लेट मिट्टी की हांडी, पंखियों पर अलगअलग अंदाज से चित्रित किया नए पटल आधुनिक सरफेस के साथ मथेरी कला का नया रूपांतरण इस शिविर में देखने को मिला।
15 दिवसीय इस ग्रीष्म कालीन कैंप में ललित कला अकादमी के सचिव और चित्रकार डा रजनीश हर्ष ने बताया कि इस प्रकार के प्रयोग से बीकानेर की इस लुप्त कला को एक नया आयाम मिलेगा और हमारी संस्कृति और धरोहर से आने वाली पीढ़ी भी अवगत होगी प्रशिक्षण कार्यक्रम राजस्थान के कई जिलों में भी चल रहे है जिसका उद्देश्य राजस्थान की पौराणिक और लुप्त हो रही कला और कलाकारों को बढ़ावा देना है ताकि वो कलाएं पुनः अपना पौराणिक स्वरूप बरकरार रख सके।इस प्रशिक्षण कर्यक्रम के दौरान इस लुप्त कला को अलग अलग परिवेश में बना कर एक नवजीवन दिया जाएगा और बाजारवाद में इसको एक नए रूप में उतारा जाएगा जिससे आम आदमी का ध्यान इस ओर आकर्षित हो और इस कला और कलाकारों को बढ़ावा मिल सके यही इसका उद्देश्य है।