आआपणी हथाई न्यूज़,लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में एनडीए सरकार बनने के साथ जिन लोकसभा सीटों पर कांग्रेस हारी है वहां संगठन और कार्यकर्ता हार की समीक्षा कर रहे हैं। राजस्थान कांग्रेस द्वारा भी राजस्थान में जिन लोकसभा सीटों पर कांग्रेस चुनाव हारी है वहां कांग्रेस द्वारा समीक्षा बैठक आयोजित की जा रही है। कल बीकानेर लोकसभा सीट पर भी प्रभारी की उपस्थिति में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस समीक्षा बैठक के दौरान हंगामा हो गया।
दरअसल कल बीकानेर लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी गोविंदराम मेघवाल की लोकसभा चुनाव में हुई हार के बाद समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस दौरान उस वक्त हंगामा हो गया जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री वीरेंद्र बेनीवाल ने ये आरोप लगाया कि लूणकरणसर विधानसभा क्षेत्र में कई जगह बूथ पर कांग्रेस कार्यकर्ता ही मौजूद नहीं थे। बेनीवाल की इस बात का वहां मौजूद कांग्रेस नेता राजेंद्र मूंड के समर्थकों ने विरोध किया जिसके चलते समीक्षा बैठक में हंगामा हो गया।
दिलचस्प बात यह है कि कल जिस वक्त हंगामा हुआ उसे वक्त देहात कांग्रेस अध्यक्ष बिशनाराम सियाग मौजूद थे। हंगामा के दौरान कांग्रेस देहात अध्यक्ष बिशनाराम हंगामा को शांत करवाने की कोशिश करते रहे लेकिन कांग्रेस के कार्यकर्ता आपस में हीं उलझ गए जिसके चलते समीक्षा बैठक को कुछ समय के लिए टालना पड़ा। अब सियासी गलियारों में समीक्षा बैठक के दौरान हुए हंगामें की चर्चा हो रही है। बड़ी बात यह है कि देहात जिला कांग्रेस अध्यक्ष बिशनाराम सियाग जहां कांग्रेस को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं वहीं उनकी उपस्थिति में ही कार्यकर्ताओं का आपस में उलझना उनकी कमजोर नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है। जिस वक्त यह हंगामा हुआ उससे एक दिन पहले कांग्रेस देहात जिला अध्यक्ष बिशनाराम सियाग ने बीकानेर में ड्रेनेज सिस्टम को लेकर भाजपा पर हमला बोला था जिसका जवाब उन्हें महापौर सुशीला कंवर ने दिया। अब भाजपा कल कांग्रेस द्वारा आयोजित समीक्षा बैठक में हुए हंगामे के बाद देहात जिला कांग्रेस अध्यक्ष बिशनाराम सियाग की नेतृत्व क्षमता पर चुटकी ले रहे हैं।
हालांकि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी बढ़त बनाई लेकिन इसके बावजूद समीक्षा बैठक के दौरान संगठन और कार्यकर्ताओं के बीच दिख रही तालमेल की कमी यह दर्शाती है कि कांग्रेस को बीकानेर में विशेषकर देहात में मजबूत नेतृत्व क्षमता वाले नेता की आवश्यकता है जो संगठन और कार्यकर्ताओं के बीच बेहतर तालमेल बिठा सके।