आपणी हथाई न्यूज, सोमवार को सनातन धर्म साधना पीठ के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का ज्ञापन एडीएम सिटी बीकानेर को दिया। पीठ के प्रवक्ता पंडित तरुण सागर व्यास ने बताया कि अधिष्ठाता पंडित भाईश्री के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल द्वारा सनातन धर्म के सभी मंदिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त हो एवं तिरुमला लड्डू कांड के देशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो, इस मांग को लेकर एटीएम सिटी को ज्ञापन दिया।
पंडित भाईश्री ने ज्ञापन में कहा कि धर्मनिरपेक्ष सरकार द्वारा सनातन मन्दिरों पर नियंत्रण है। आजादी के 77 साल बाद भी सनातनियों का अपने मंदिरों पर नियन्त्रण नहीं है। इसके कारण, सनातन समाज का अपने प्रशासन, अपनी भूमि और संसाधनों, मंदिर में धन के प्रवाह या यहाँ तक कि हमारे मंदिरों में पालन किए जाने वाले धार्मिक अनुष्ठानों पर भी कोई नियंत्रण नहीं है। हमारा संविधान, जो अल्पसंख्यकों को धार्मिक मामलों में पूर्ण स्वतंत्रता का वादा करता है, उसने हिन्दू पूजा स्थलों को यह अधिकार नहीं दिया है।
छद्म-धर्मनिरपेक्षता के परिणामस्वरूप हमारे मन्दिरों पर गैर-हिन्दुओं का शासन हो गया है और इसने ज़बरदस्त ईशनिन्दा और अपवित्र कृत्यों को जन्म दिया है। पीठ हिन्दुओं के साथ होने वाले इस घोर छल और भेदभाव का कड़ा विरोध करती है और मांग करती है कि हिन्दू समाज को बिना किसी सरकारी हस्तक्षेप या नियन्त्रण के अपने सभी मंदिरों की सुरक्षा, प्रशासन और सञ्चालन की शक्ति वापस दी जाए। कम से कम मन्दिर का धार्मिक प्रबन्धन तो किसी दशा में धार्मिकों के ही हाथ में रहने चाहिए।
मन्दिरों का प्रबन्धन धर्माचार्यों के हाथ में दिये जायें
हम तिरुमला लड्डू काण्ड में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग करते हैं और मानते हैं की सनातन धर्मावलंबियों को छल पूर्वक निषिद्ध गोमांस भक्षण करवा कर उनको धर्मच्युत कर उनके परलोक को बिगाड़ने का विधर्मियों के एक बहुत बड़े अन्तर्राष्ट्रीय दुश्चक्र का यह ज्वलंत उदाहरण है। यह हिन्दुओं के धार्मिक स्वतन्त्रता के अधिकार का सरकारी तन्त्र की मिलीभगत से हनन का घोर निन्दनीय अपकृत्य है। यह सनातन धर्म पर हमला है और प्रमाण है कि जेहादियों ने अब अनैतिक छद्मयुद्ध छेड़ दिया है जिससे बचने का एक मात्र उपाय यही है कि सरकार द्वारा सभी सनातन मन्दिरों का प्रबन्धन हिंदुओं के कम से कम ५०० वर्ष प्राचीन प्रामाणिक पारंपरिक हिन्दू धार्मिक संस्थानों के आचार्यों के पर्यवेक्षण में दे दिया जाय।
शिष्टमंडल मे पंडित तरुण सागर व्यास, सतीश मक्कड़, छगन लाल सोनी, राजेश कुलरिया आदि सनातनी शामिल थे।