आपणी हथाई न्यूज़,श्री लक्ष्मीनाथ जी मंदिर परिसर में श्री मद भागवत प्रवचन पीयूष समिति तथा श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर विकास एवं पर्यावरण समिति द्वारा आयोजित “श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ” के तीसरे दिन आज पंडित विजय शंकर व्यास ने कहा कि प्रभु की प्राप्ति को के तीन साधन है- श्रवणम, कीर्तनम और स्मरणम। भगवान का भजन, कथा और कीर्तन श्रद्धा से सुने, कीर्तन कपट को त्याग करके करे और भगवान का स्मरण ऐसे करें कि जगत का विस्मरण हो जाए। समिति के सचिव सीताराम कच्छावा ने बताया कि आज सर्वप्रथम भगवान की पूजा अर्चना यजमान शिव शंकर कुशवाहा तथा महेंद्र तंवर द्वारा सपत्नीक की गई। कथा में रविवार को धूमधाम से नंद-उत्सव मनाया जाएगा।इस हेतु परिसर को सजाया जा रहा है।
पंडित विजय शंकर व्यास ने कहा “जैसा खाओगे अन्न वैसा बनेगा मन,जैसा पिए पानी वैसी हो जाए वाणी” उन्होंने महाभारत के प्रसंग को बताते हुए कहा- मृत्यु शैया पर लेटे पितामह भीष्म जब युधिष्ठिर को सीख दे रहे थे, तब द्रौपदी को उनका चरित्र विरोधाभासी लगा और उन्हें हंसी आ गई। द्रौपदी ने कहा क्षमा करें,मुझे आपका विरोधाभासी चरित्र देखकर हंसी आ गई । आपका यह उपदेश उस समय कहां गया जब मेरा चीर -हरण हो रहा था ।तब भीष्म पितामह ने कहा की बेटी, उसे समय मैंने दुर्योधन का दूषित अन्न खा रखा था, इसलिए उस समय मेरी बुद्धि में दोष था, इतने लंबे समय तक बाणों की शैया पर रहने से मेरा दूषित रक्त बह गया है ।अतः अब मेरी बुद्धि भी निर्मल हो गई है,”जैसा खाओगे अन्न,वैसा बनेगा”
आज की कथा के मुख्य अतिथि हरिशंकर आचार्य उपनिदेशक, सूचना एवं जनसंपर्क, तथा विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ भाजपा नेता जे.पी. व्यास तथा स्वाति अग्रवाल सहायक अभियंता,जलदाय विभाग थी । अतिथियों का स्वागत शिवचंद तिवाड़ी, मुन्ना महाराज, अनिल सोनी,शिव कुशवाहा, विष्णुदत्त रंगा, कैलाश छीम्पा,मुकेश जोशी,ने किया।