
आपणी हथाई न्यूज, राजनीतिक दलों और उनसे जुड़े नेताओं में कितना समन्वय है ये दो राज्यों मे बन रहे राजनीतिक हालात से समझा जा सकता है। पहले बात करते है महाराष्ट्र की, महाराष्ट्र का चुनाव परिणाम आए एक हफ्ते से ज्यादा का समय हो चुका है लेकिन अब तक महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान तक नहीं हो पाया है, जबकि महायुति गठबंधन को 2 तिहाई से ज्यादा का बहुमत मिला है और भाजपा के दोनों सहयोगी दल शिवसेना -NCP भाजपा के सीएम को स्वीकार करने की बात सार्वजनिक रूप से कह चुके है। हालांकि ऐसा तय माना जा रहा है कि बीजेपी और शिंदे के बीच सरकार बनाने को लेकर आज सब कुछ सुलझ सकता है
महाराष्ट्र से भी बुरे हालात हरियाणा में है, हरियाणा में भी चुनाव परिणाम को आए लगभग दो महीने हो गए है, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सरकार कामकाज शुरू कर चुकी है, लेकिन कांग्रेस पार्टी अब तक हरियाणा का नेता प्रतिपक्ष नहीं चुन पाई है। नेता विपक्ष के लिए भी भूपिंदर सिंह हुड़्डा और कुमारी शैलजा के गुट आपस में भिड़े हुए है।


अब तक निर्णय नहीं होने से हुड़्डा का नुकसान हो गया है क्योंकि अब तक हुड़्डा ही हरियाणा में नेता विपक्ष थे, इस हिसाब से हुड़्डा को हरियाणा में केबिनेट मंत्री का दर्जा हासिल था, अब हुड़्डा आगे रहेंगे या नहीं, यह उन्हें खुद नहीं पता, इसलिए हरियाणा सरकार ने हुड़्डा को अलॉट किया गया सरकारी बंगला खाली करने का निर्देश दिया है और हुड़्डा ने बंगला खाली करने के 15 दिन का समय मांगा है।
मनोज रतन व्यास