आपणी हथाई न्यूज, बड़ी-बड़ी बिल्डिंगे और अलग-अलग हॉस्पिटल यूनिट के अंदर निजी अस्पताल प्रशासन के ऊंची आवाजों के बीच बेबस आम आदमी की आवाज अंदर की अंदर दबी रह जाती है। एक सामान्यतः मरीज उस स्थिति में नही होता कि वो इन रसूखदार लोगों के खिलाफ झंडाबरदार कर सके।
कुछ ऐसा ही मामला गुरुवार को सार्दुलगंज अस्पताल में देखने को मिला जब एक मरीज के साथ अस्पताल प्रशासन ने अमानवीयता दिखाई। मामला के अनुसार एक एक्सीडेंट मामलें के बाद बेसिक कॉलेज के पास रहने वाले अनिरूद्ध चांडक बुधवार को जीवन रक्षा में भर्ती हुए थे। गुरुवार की सुबह अनिरुद्ध के जबड़े का ऑपरेशन होना था । इस दौरान अनिरुद्ध के परिजनों से 40 हजार रुपये मांगे गए परिजनों ने रुपये देने के बाद अस्पताल प्रशासन से 40 हजार जमा कराने की रसीद मांगी गई लेकिन अस्पताल प्रशासन ने रसीद न देते हुए मरीज के परिजनों से बदसलूकी की और उन्हें पैसे वापस हाथ में देते हुए हॉस्पिटल से चले जाने का बोल दिया।
इस सब मामलें को लेकर मरीज के परिजन अस्पताल प्रशासन की इस अमानवीय हरकत से दुखी हुए और उन्होंने भाजयुमों जिलाध्यक्ष वेद व्यास को फोन कर के अपनी पीड़ा जाहिर की। वेद व्यास ने मौके पर पहुंचकर जब पीड़ित मरीज के परिजनों की बात अस्पताल प्रशासन के कानों तक पहुँचानी चाही तो अस्पताल प्रशासन एकबारगी वेद व्यास से उलझ गया। हालांकि बाद में अस्पताल प्रशासन के डॉ विकास पारीक ने इस मामलें पर सफाई देते हुए कहा कि ऐसा कोई मामला उनके ध्यान में नही आया था।
अब मामलें की जानकारी सामने आने के बाद दोषी स्टाफ पर कार्रवाई की जाएगी और अब तक परिजनों को हुई असुविधा के लिए माफी मांगी है। वही पीड़ित मरीज के परिजन ने जीवन रक्षा अस्पताल पर अविश्वास जताते हुए यहां पर ऑपरेशन नही कराने का निर्णय लिया है। इस घटना के बीच डिप्टी सीएमएचओ लोकेश भी मौके पर पहुँच गए और दोषी स्टाफ पर कार्रवाई की बात कही है।