बीकानेर में बीते माह से लगातार निगम प्रशासन के अतिक्रमण निरोधी दस्ते द्वारा अतिक्रमण पर पीला पंजा चलाया जा रहा है। बीकानेर में इन दिनों पीले पंजे की चर्चा चारों और चल रही है पहले कभी-कभार निगम और यूआईटी द्वारा अतिक्रमण हटाए जाते थे और उनके द्वारा अतिक्रमण पर की गई कार्रवाई समाचार पत्रों की हेडलाइन बनती थी लेकिन संभागीय आयुक्त नीरज के पवन जो अपने काम के लिए बीकानेर में पहचाने जाते हैं, उनके द्वारा नेतृत्व करके शहर को अतिक्रमण मुक्त करने का अभियान निरंतर जारी है।
बीकानेर शहर का लगभग हर हिस्सा अतिक्रमण की भेंट चढ़ा हुआ है, कहीं छोटे व्यापारियों द्वारा तो कहीं स्ट्रीट वेंडर द्वारा तो कहीं बड़े व्यापारियों और उद्योगपतियों द्वारा भी अतिक्रमण किए हुए हैं। फिलहाल बीकानेर में अतिक्रमण हटाने की मुहिम में छोटे व्यापारी और स्ट्रीट वेंडर निशाने पर है। बीकानेर में चल रहे अभियान की कहीं तारीफ हो रही है तो कहीं इस अभियान पर सवाल भी उठाए जा रहे हैं।
बीकानेर की रेल फाटक समस्या जो दशकों से शहरवासियों के लिए प्रताड़ना से कम नहीं थी, इस समस्या को संभागीय आयुक्त नीरज के पवन ने अपनी प्रशासनिक टीम के साथ मिलकर जिस तरह हल किया उसके बाद पूरा बीकानेर संभागीय आयुक्त का मुरीद बन गया और संभागीय आयुक्त नीरज के पवन ने अपने आप को कुशल प्रशासक के तौर पर बीकानेर में स्थापित किया। बीकानेर के सियासी गलियारों से लेकर शहर के पाटो तथा सरकारी महकमों से लेकर बुद्धिजीवी वर्ग तक संभागीय आयुक्त नीरज के पवन चर्चा का एक विषय बन गए।अपने काम से खबर देने वाले नीरज के पवन इन दिनों मीडिया के भी चहेते बने हुए हैं।
संभागीय आयुक्त नीरज के पवन के लिए कहा जाता है कि वह अपने निर्णय पर अडिग रहते हैं और एक बार निर्णय लेने के बाद उससे पीछे नहीं हटते। अतिक्रमण को लेकर भी संभागीय आयुक्त अपनी इसी नीति पर चल रहे हैं, हालांकि अतिक्रमण के खिलाफ चल रही इस मुहिम में संभागीय आयुक्त अडिग नजर आ रहे हैं लेकिन यक्ष प्रश्न यह है कि संभागीय आयुक्त अतिक्रमण के खिलाफ चल रही इस कार्यवाही को दूसरे पायदान तक कब पहुंचाएंगे ?
फिलहाल अतिक्रमण के खिलाफ जो कार्रवाई चल रही है इस कार्रवाई का कोप भाजन छोटे व्यापारी और स्ट्रीट वेंडर बन रहे हैं अब बीकानेर के लोग और अतिक्रमण के खिलाफ चल रही इस कार्रवाई को दूसरे पायदान पर देखना चाह रहे हैं मतलब अब तक की गई कार्रवाई निचले और मध्यम वर्ग के लोगों पर की गई है अब देखना यह होगा कि संभागीय आयुक्त बड़े उद्योगपतियों व्यापारियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा किए गए अतिक्रमण पर कब कार्रवाई करेंगे ?
कुछ लोगों का मानना है कि जब बात बड़े उद्योगपतियों व्यापारियों और जनप्रतिनिधियों की होगी तब अतिक्रमण के खिलाफ चल रहा यह अभियान ठप पड़ जाएगा और बीकानेर वासियों को एक नया अभियान देखने को मिलेगा। फिलहाल संभागीय आयुक्त नीरज के पवन के सामने यह चुनौती है कि वह इस अभियान को दूसरे पायदान तक ले जाएं और आमजन में अपने विश्वास को कायम रखें।
अतिक्रमण के खिलाफ चल रहे अभियान को लेकर आज ताजा खबर यह है कि अब तक इस अभियान को लेकर सकारात्मक खबरें आ रही थी जहां भी अतिक्रमण विरोधी दस्ता पहुंचता लोग अपने आप से अतिक्रमण हटा लेते थे लेकिन आज बीकानेर के फड़बाजार में अतिक्रमण निरोधी दस्ते को लोगों के विरोध के चलते अपना काम रोकना पड़ा। संभागीय आयुक्त के सामने अब यह भी चुनौती है कि विरोध के चलते अतिक्रमण मुक्त बीकानेर का सपना कहीं बीच में रुक ना जाए इसके लिए जरूरी है कि प्रशासन द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ की जा रही कार्रवाई बड़े उद्योगपतियों जनप्रतिनिधियों और व्यापारियों द्वारा किए गए अतिक्रमण पर भी की जाए ताकि आमजन में संदेश जाए कि शहर में विधि का शासन है और विधि के शासन के समक्ष सब समान है।