बीकानेर जिले में इन दिनों एक और भीषण गर्मी तो दूसरी ओर पेयजल संकट के चलते आमजन त्रस्त हो रहे हैं। बीते एक माह से नहर बंदी के कारण बीकानेर में एक दिन छोड़कर एक दिन पानी की सप्लाई की जा रही थी।इस दौरान प्रशासन द्वारा लोगों को राहत पहुंचाने का आश्वासन दिया गया जो कि कभी पूरा नहीं हुआ इसी बीच आमजन को बड़ा झटका उस वक्त लगा जब सरहिंद फीडर व इंदिरा गांधी फीडर के बीच के कॉमन बैंक के टूटने से जलापूर्ति पूरी तरह से बाधित हो गई। पानी की किल्लत के चलते पहले से ही त्रस्त आमजन पर 19 मई को आया फरमान भारी पड़ गया जब यह ऐलान किया गया कि अब बीकानेर में 72 घंटे के बाद पानी की सप्लाई होगी।प्रशासन का यह फैसला आमजन पर पहाड़ की तरह टूट पड़ा।
पेयजल संकट के बीच प्रशासन द्वारा किए गए नाकाफी प्रयासों और प्रशासनिक बादइंतजामी के चलते लोगों में रोष व्याप्त है। पानी के लिए मची हाहाकार के बीच प्रशासन कुंभकरणी नींद सो रहा है परिणाम यह हुआ कि लोग सड़कों पर उतर आए।
पेयजल संकट के बीच टैंकर माफियाओं की हुई चांदी
पेयजल संकट के बीच टैंकर के जरिए पानी सप्लाई करने वाले व्यापारियों के अंधी कमाई शुरू हो गई। प्रशासन द्वारा हालांकि शुल्क तय किया गया था लेकिन टैंकर माफियाओं के लिए प्रशासनिक आदेश महज रद्दी का टुकड़ा बन गया यही वजह है कि बीकानेर में टैंकर माफिया अपनी मनमर्जी की राशि त्रस्त जनता से वसूल रहे हैं। पानी टैंकर माफियाओं के चलते आमजन मुसीबत में फंसा हुआ है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी मौन हैं। प्रशासन द्वारा एक दो बार टैंकर माफियाओं पर कार्रवाई जरूर की गई लेकिन यह कार्रवाई महज एक दिखावा बनकर रह गई।
जिम्मेदार अधिकारी नहीं दे रहे जवाब
भारी पेयजल संकट के बीच आमजन जिम्मेदार अधिकारियों की ओर देख रहा है हालांकि प्रशासन ने एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है इसके अलावा कल ही प्रशासन द्वारा पेयजल आपूर्ति मॉनिटरी के लिए प्रभारी और सह प्रभारी नियुक्त किए गए हैं लेकिन समस्या यह है कि जिम्मेदार अधिकारी फोन नहीं उठा रहे यहां तक नियंत्रण कक्ष का लैंडलाइन फोन भी घंटों व्यस्त बताता है जिसके चलते लोगों को राहत नहीं मिल पा रही।
ऊंची पहुंच और रसूखदार लोगों को मिल रही है राहत
भारी पेयजल संकट के बीच आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग बेहद परेशान हो रहा है। एक और टैंकर माफिया द्वारा वसूली जा रही राशि देने में आम आदमी असमर्थ है वहीं दूसरी ओर प्रशासन द्वारा चालू की गई टैंकर व्यवस्था का जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है। प्रशासन द्वारा की जा रही पानी टैंकर व्यवस्था का दोहन रसूखदार लोग कर रहे हैं। रसूखदार लोगों के घर तक निशुल्क पानी के टैंकर पहुंच रहे हैं वहीं आमजन एक एक बूंद के लिए परेशान हो रहा है। बीकानेर में जनप्रतिनिधियों के घर और उनके नजदीकी रिश्तेदारों तथा राजनैतिक रसूख रखने वाले लोगों और जलदाय अधिकारियों के नजदीकी रिश्तेदारों के घरों पर निशुल्क टैंकर पहुंच रहे हैं। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के हिस्से का पानी रसूखदार लोग गटक रहे हैं।
अवैध कनेक्शन और बूस्टर उपयोग पर नहीं हो रही कार्रवाई
बीकानेर में अवैध कनेक्शन और बूस्टर के उपयोग को लेकर भी जलदाय विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही हालांकि इक्की दुक्की कार्रवाई इस दौरान जरूर की गई लेकिन गहरे पेयजल संकट के बीच यह कार्रवाई नाकाफी साबित हो रही है। सक्षम लोग बड़े-बड़े बूस्टर का इस्तेमाल कर पानी का बेजा दोहन कर रहे हैं वही अवैध कनेक्शन के चलते बीकानेर के अधिकांश क्षेत्रों में आमजन को पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रहा।
बीकानेर शहर में पेयजल संकट के बीच प्रशासनिक विफलता और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी सरकार की किरकिरी करा रही है। एक और सुशासन का दावा करने वाली कांग्रेस सरकार भीषण पेयजल संकट के दौरान प्रशासनिक बादइंतजामी के चलते पेयजल जैसी मूलभूत सुविधा को देने में भी असमर्थ नजर आ रही है।