प्रदेश में सरकारी विद्यालयों की तस्वीर बदलने विशेषकर बालिका शिक्षा के लिए भामाशाह पहल कर रहे हैं। भामाशाह मनोहर लाल अग्रवाल लगातार बेहतर शिक्षा व्यवस्था एवं बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हल्दीराम एजुकेशन सोसायटी के जरिए बेहतरीन काम कर रहे हैं। इस संबंध में हल्दीराम एज्युकेशनल सोसायटी के प्रतिनिधि रमेश अग्रवाल ने राजधानी स्थित शासन सचिवालय में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समक्ष सुझाव रखें। अग्रवाल ने बताया कि शासन सचिवालय में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में शिक्षा मंत्री डॉ. बी डी कल्ला वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े वही इस बैठक में सीएस उषा शर्मा,सहित प्रदेश के प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।
सोसयटी के प्रतिनिधि रमेश अग्रवाल के अनुसार राज्य सरकार के आगामी बजट में शिक्षा विकास के लिए अलग-अलग प्रस्ताव तैयार कर सुझाव मुख्यमंत्री को भेजे हैं। इस संबंध में शनिवार को जयपुर में प्रमुख शासन सचिव शिक्षा पीके गोयल, माध्यमिक शिक्षा निदेशक कानाराम की मौजूदगी में बैठक भी हुई।
प्रस्ताव में यह है खास…
सोसायटी की ओर तैयार प्रस्ताव के अनुसार भामाशाह एवं राज्य सरकार के बराबर (50-50 प्रतिशत) सहयोग से सरकारी स्कूलों का विकास किया जाए। इसमें 50 प्रतिशत राशि भामाशाह व्यय करें ओर 50 प्रतिशत राज्य सरकार खर्च करें। साथ ही इस तरह के निर्माण कार्य को भामाशाह ही पूरा कराएं।
-दूसरे प्रस्ताव के अनुसार जिला मुख्यालय में नए बालिका(अंग्रेजी माध्यम) की स्थापना की जाए। इस मंशा को साकार करते हुए सोसायटी के तत्वावधान में बीकानेर में इसकी शुरुआत की गई है, जहां सूरसागर बालिका विद्यालय अंग्रेजी माध्यम तैयार की जा रही है। इसमें स्मार्ट बोर्ड, आरामदायक फर्नीचर, इंटरएक्टिव बोर्ड सहित सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी।
-वार्षिक आंकलन के प्रस्ताव में सुझाव दिए गए है कि भामाशाह एवं विभागीय अधिकारी संयुक्त प्रबोधन राज्य के औद्योगिक घरानों, भामाशाहों की ओर से प्रतिवर्ष राजकीय विद्यालयों को सहयोग किया जाता है, जिसमें भवन निर्माण, फर्नीचर, आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाते है। शिक्षा में गुणवता में सकारात्मक सुधार के लिए प्रतिवर्ष राज्य स्तरीय एवं प्रबोधन की बैठक आयोजित की जाए, इसमें विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ भामाशाह एवं उनके प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए। ताकि विभाग को विद्यालयों की वास्तविक स्थिति का ज्ञान हो सके।
इसके अलावा स्कील डवलपमेंट कार्यक्रम चलाने, टीचर ट्रेनिंग कार्यक्रम, भामाशाह सम्मान समारोह के लिए वित्तीय प्रावधान प्रतिवर्ष राज्य स्तरीय सम्मान समारोह आयोजित कराए जाए। रमेश अग्रवाल के अनुसार आईटीआई संस्थाओं की स्थापना पंचायती अैर तहसील स्तर पर दानदाताओं के सहयोग से करवाने का सुझाव भी प्रस्ताव में रखा गया है। ताकि बच्चों में स्वावलंबी कुशलताओ को विकसित किया जा सके।
जयपुर में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक के बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने हल्दीराम एजुकेशन सोसाइटी सहित उपस्थित सभी वक्ताओं के सुझावों की सराहना की।