चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने जीवनभर के लिए कांग्रेस पार्टी से तौबा कर ली है। पीके इन दिनों बिहार में स्वयं का राजनीतिक संगठन खड़ा करने की कोशिश में लगे हुए है। बिहार में पीके जन सुराज यात्रा निकाल रहे है। पीके ने कहा कि कांग्रेस ने मेरा ट्रैक रिकॉर्ड खराब कर दिया,अब जीवन मे कभी भी कांग्रेस के साथ काम नही करूंगा। प्रशांत किशोर ने कहा कि कांग्रेस खुद तो सुधरती है नही,वो खुद तो डूब रही है, हमें भी डूबा देगी।
पीके ने कहा कि उन्होंने 2011 से 2021 तक 11 चुनाव विभिन्न राजनीतिक दलों को लड़वाए, लेकिन यूपी विधानसभा 2017 का चुनाव वो कांग्रेस के साथ हार गए,बाकी 10 चुनाव उन्होंने जितवाए। पीके 2014 में मोदी के साथ थे। 2015 में नीतीश कुमार के साथ थे। 2017 में अमरिंदर सिंह के साथ थे।2019 में जगन रेड्डी को आंध्र का सीएम बनवाया। 2020 में केजरीवाल के साथ थे। 2021 में पीके स्टालिन और ममता बनर्जी के साथ थे और दोनो मुख्यमंत्री बने। पिछले महीने तक तो पीके के कांग्रेस में शामिल होने की खबरें आ रही थीं। पीके कांग्रेस के रिवाईवल के लिए पॉवर पॉइंट प्रजेंटेशन भी देकर आए थे और फिर पीके और कांग्रेस हाईकमान के बीच बात नही बनी।
मनोज रतन व्यास