स्वतंत्रता सेनानी व वरिष्ठ पत्रकार स्व. अम्बालाल माथुर की पुण्य तिथि पर उनका स्मरण किया गया। बीकानेर के पत्रकारों ने कहा कि उन्होंने सदैव मूल्यपरक पत्रकारिता की। राजस्थान की रियासतों के एकीकरण में भी उनका काफी योगदान रहा, खासकर आबू-सिरोही को मिलाने में।
श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता करते हुए उनके पुत्र वरिष्ठ पत्रकार अशोक माथुर ने कहा कि उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला। उन्होंने कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं किया। सभी धर्म-पंथों का वे आदर करते और उन्हें साथ लेकर चलते। वरिष्ठ पत्रकार श्याम मारू ने कहा कि अम्बालाल माथुर की खासियत रही कि उन्होंने कभी वर्गभेद नहीं किया, हर वर्ग का उन्होंने सहयोग किया। यदि आज हम संकल्प लें कि हर धर्म, सम्प्रदाय, जाति का सहयोग करेंगे, यही उनको सच्ची श्रद्ांजलि होगी। वरिष्ठ पत्रकार नीरज ंजोशी ने कहा कि हमें विरासत सहेजनी होगी। जिन लोगों ने पत्रकारिता में अच्छा काम किया, उन्हें याद कर भावी पीढ़ी को उनके पदचिन्हों पर चलने के लिए प्रेरित करना होगा। वरिष्ठ पत्रकार भवानी शंकर जोशी ने कहा कि अम्बालाल माथुर का व्यक्तित्व काफी विशाल था। उन्हें सिर्फ पत्रकारिता के क्षेत्र तक सीमित नहीं किया जा सकता। उन्होंने अपने तत्कालीन साथियों के साथ मिलकर रियासतों के एकीकरण के लिए आंदोलन चलाया।पत्रकार जयनारायण बिस्सा ने कहा कि उन्होंने जिस समाचार पत्र की स्थापना की, आज वह पत्रकारिता की स्कूल बन चुका है और मेरे जैसे कई युवा यहां सीखकर आगे बढ़ रहे हैं। कार्यक्रम में पत्रकार विक्रम जागरवाल, मुकेश पूनिया, श्रीमती उषा जोशी, रमजान मुगल, कमलकांत शर्मा,मोहन थानवी, जितेन्द्र व्यास, अंकिता माथुर, शिव भादाणी, कुशाल सिंह मेड़तिया, द्वारकाप्रसाद सोनी आदि ने पुष्पांजलि अर्पितकर अपने विचार व्यक्त किए।