परसो बाड़मेर में भारतीय वायुसेना का मिग 21 विमान उड़ान भरने के चंद मिनटों बाद ही क्रैश हो गया। इस विमान हादसे में 39 साल के विंग कमांडर मोहित राणा और 26 साल के फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल शहीद हो गए। दोंनो जवान पायलट के असमय मौत से उनके परिजन खासे नाराज और दुःखी है। लेफ्टिनेंट बल के भाई प्रशांत बल का कहना है जब भारत सरकार 15 साल पुरानी गाड़ियों को सड़कों से हटा देती है तो 60 साल पुराने मिग 21 का इस्तेमाल अब भी वायुसेना में क्यों हो रहा है। जब सरकार 4 साल में अग्निवीर योजना के तहत जवानों को रिटायर कर रही है तो जवानों को 60 साल पुराना आउट डेटेड विमान क्यों दिया जा रहा है।
दरअसल भारतीय वायुसेना के पास फाइटर जेट की कमी है, कुल 750 फाइटर प्लेन की आवश्यकता भारतीय सेना को है और फिलहाल भारत की सेना के पास करीब 550 ही फाइटर प्लेन है। भारतीय वायुसेना इस साल सितंबर में मिग 21 के 18 विमानों को हमेशा के लिए रिटायर कर रही है। 2025 तक हर साल भारतीय वायुसेना मिग 21 के 18 विमानों को रिटायर करेगी। भारतीय वायुसेना के पास इस समय मिग 21 के 72 लड़ाकू विमान है। सरकार स्वदेशी निर्मित तेजस प्लेन बना रही है, लेकिन तेजस भी सिंगल इंजन का ही एयरक्राफ्ट है। युद्ध की स्थिति और दुर्गम जगहों पर वायुसेना को डबल इंजन का एडवांस एयरक्राफ्ट चाहिए। भारत सरकार ने 2019 में ही 36 राफेल विमानों का सौदा किया था,लेकिन सभी 36 विमान को भारत आने में 2-3 साल और लग जाएंगे। भारत मे लगभग हर रक्षा सौदा विवाद में फंसने और धीमी डिफेंस डील प्रक्रिया के कारण भारतीय वायुसेना आज भी मजबूरन 60 साल पुराने मिग 21 को यूज कर रही है,अचरज की बात है रूसी कम्पनी मिग ने साल 1985 में इस विमान का निर्माण भी बंद कर दिया है। भारतीय वायुसेना मिग विमानों अगले तीन सालों तक और प्रयोग करेगी,इसका मतलब और भी हादसों को भारतीय वायुसेना निमंत्रण दे रही है। ध्यान रहे अब तक मिग 21 के हादसों में भारत के 200 पायलट शहीद हो चुके है।
मनोज रतन व्यास