आपणी हथाई न्यूज, ‘आल्हाद…..पहाड़ों का सौंन्दर्य’ विश्व फोटोग्राफी दिवस की पूर्व संध्या पर जवाहर कला केन्द्र की पारिजात कला दीर्घा लेह, लद्दाख, शिमला, मसूरी और मनाली के पहाड़ों और उन पर छाई प्रकृति के अनुपम सौन्दर्य से सराबोर नजर आई। मौका था छाया चित्रकार पुष्पेन्द्र उपाध्याय के खींचे गए छाया चित्रों की प्रदर्शनी के उद्घाटन का। बीकानेर मूल निवासी और फिलहाल जयपुर में पेशे से कॉन्ट्रेक्टर पुष्पेन्द्र उपाध्याय पिछले छह साल से शौकिया छाया चित्रकारी कर रहे हैं। पुष्पेन्द्र बताते हैं कि जाने-माने छाया चित्रकार महेश स्वामी की कला से प्रेरित होकर उन्होंने छाया चित्रकारी करना शुरू किया और 2019 में उन्होंने पहली बार लेह-लद्दाख, सिमला, मसूरी और मनाली की मोटरसाइकिल से यात्रा की।
फोटोग्राफी की इसी दुरूह यात्रा के दौरान खींचे गए सैकड़ों चित्रों में से चयनित 35 छाया चित्रों की इस प्रदर्शनी में अधिकांश पहाड़ों का सौंन्दर्य है इसलिए कलाकार ने इसे ‘आल्हाद…..पहाड़ों का सौंन्दर्य’ नाम दिया है।18000 हजार फुट की उंचाई तक जाकर की फोटोग्राफीइस यात्रा का उनका उद्देश्य इस क्षेत्र के प्राकृतिक सौन्दर्य को अपनी छाया चित्रकारी का माध्यम बनाना था। इस दौरान उन्होंने लेह-लद्दाख और उसके आस-पास हुंदूर तथा पैंगान लेक जैसे स्थलों पर 18000 हजार फुट की उंचाई तक जाकर वहां के सौन्दर्य को अपने कैमरे में कैद किया।पहाड़ों पर छाया-प्रकाश का संयोजन है खासयहां प्रदर्शित छाया चित्रों में पहाड़ों पर छाया-प्रकाश का संयोजन देखने योग्य है। इसके अलावा एक दूसरे से लंबी दूरी पर स्थित दो पहाड़ों को उन्होंने इस तरह अपने कैमरे में कैद किया है मानों दोनों एक दूसरे की करीब ही हों।
पुष्पेन्द्र कहते हैं कि फोटोग्राफी करने का सबसे अधिक आनंद सुबह सूर्योदय के समय होता है क्योंकि इस समय प्रकृति जाग रही होती है और सब कुछ बढ़ने के मूड में होता है।28 अगस्त तक चलेगी प्रदर्शनीप्रदर्शनी का उद्घाटन राजस्थान ललित कला अकादमी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. भवानी शंकर शर्मा ने किया। लोकनायक जयप्रकाश नेशनल आर्ट एंेड कल्चर फाउण्डेशन के महासचिव अरविंद ओझा और राजस्थान ललित कला अकादमी के सचिव डॉ. रजनीश हर्ष विशिष्ठ अतिथि थे। प्रदर्शनी 28 अगस्त तक चलेगी।