आपणी हथाई न्यूज,राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए कांग्रेस आलाकमान ने बड़ी मुश्किलें पैदा कर दी है। एक तरफ अशोक गहलोत है कि किसी भी कीमत पर राजस्थान छोड़ना नही चाहते है और सीएम की कुर्सी पर बने रहना चाहते है और दूसरी तरफ गांधी परिवार और सचिन पायलट का दबाव है।
गहलोत बार बार कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की खबरों को नकार चुके है, लेकिन साथ यह भी कह रहे है अंतिम फैसले का इंतजार भी करिए। दिल्ली की सियासी गलियों से ऐसी खबरें आ रही है कि गांधी परिवार गहलोत को कॉंग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर एक साथ तीन निशाने साध सकता है। पहला कांग्रेस को पूर्णकालिक अध्यक्ष मिल जाएगा, दूजा गैर गांधी अध्यक्ष होगा तो मोदी का परिवारवाद का आरोप स्वतः ही कमजोर हो जाएगा। तीसरा राजस्थान में पायलट को सीएम बनाकर राजस्थान कांग्रेस में पिछले चार साल से चल रही कलह दूर हो जाएगी।
कांग्रेस को लगता है कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार के खिलाफ इतनी सत्ताविरोधी लहर नही बनी है, अगर सरकार पुनः रिपीट करनी है तो गहलोत-पायलट के विवाद का स्थायी समाधान निकालना ही होगा। इन सब कयासों और समीकरणों के बीच गहलोत भी सियासी जादूगर है, वो भी आसानी से हथियार डालने वाले नही है। अगले महीने नया कांग्रेस अध्यक्ष बनने की पूर्ण संभावना है, फिलहाल सोनिया और राहुल गांधी देश से बाहर सोनिया गांधी के रेगुलर मेडिकल चेकअप के लिए गए है।
दोनो के विदेश से लौटने के बाद असली तस्वीर साफ होने की उम्मीद लगाई जा रही है। वही सियासी पंडितों की माने तो पायलट को राजस्थान की जिम्मेदारी मिले ये भी ज़रूरी नही है।
मनोज रतन व्यास