आज हनुमान हत्था स्थित राजपुरोहित सभा भवन में समाज अध्यक्ष श्री गुमान सिंह राजपुरोहित की अध्यक्षता में राती घाटी उपन्यास पर प्रबुद्ध जन सम्मेलन आयोजित किया गया। प्रारंभ में श्री गुमान सिंह राजपुरोहित और शिक्षाविद श्री सुरजाराम राजपुरोहित ने साफा और माला पहनाकर उपन्यास लेखक श्री जानकी नारायण श्रीमाली का भावभीना अभिनंदन किया। इसके बाद राती घाटी समिति के सर्व श्री महादेव प्रसाद आचार्य, गोपाल सिंह शेखावत व डॉ. महेन्द्र चाडा आदि ने राजपुरोहित समाज के अध्यक्ष श्री गुमान सिंह को ऐतिहासिक राती घाटी उपन्यास भेंट किया।
उपन्यास की विषय वस्तु पर बोलते हुए शिक्षाविद डॉ. राजेन्द्र जोशी ने कहा कि बीकानेर की धरती पर अजय माने जाने वाले मुगल पराजित हुए। इस विजय का परिणाम है कि आज मरुधरा भारत में हैं। राव जैतसी में इस युद्ध से राष्ट्रीयता की जोत जलाई।चिंतक डॉ. घनश्याम आत्रेय ने कहा कि इस उपन्यास में सतरंगी लोक जीवन के साथ ही भारतीय शौर्य का अद्भुत चित्रण है।
अपने सम्मान के प्रति आभार प्रकट करते हुए श्री जानकी नारायण श्रीमाली ने इस युद्ध को राष्ट्रीय जीवन में प्रतिष्ठित करने का आह्वान किया।
राजपुरोहित समाज द्वारा राती घाटी समिति अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह बीका को साफा व माला पहनाकर सम्मानित किया। श्री बीका ने इतिहास के सुनहरे पृष्ठों को स्मरण करते हुए राजपुरोहित समाज के प्रति आभार प्रकट किया।
समाज अध्यक्ष श्री गुमान सिंह राजपुरोहित ने कहा कि हमें इस विजय और राजपुरोहित समाज के योगदान पर गर्व है। उन्होंने समस्त जनों के प्रति आभार भी प्रकट किया।कार्यक्रम का सफल संचालन श्री भवानी सिंह धेनड़ी ने किया।समारोह में समाज के सर्वश्री सुरेंद्र सिंह राजपुरोहित, माधौसिंह धेनड़ी, बलवंत सिंह सहित गणमान्य जन उपस्थित थे। भीम सिंह राजपुरोहित कार्यक्रम के संयोजक रहे।