पुष्करणा सावा अपने परवान पर धीरे-धीरे चढ़ रहा है और सावे की इसी रौनक को चार चांद लगाने वाले युवा कवि व गीतकार आनंद मस्ताना के दो गीतों ‘सखी! म्हारो सावो छप ग्यो रे’ और ‘सावा घूम-धड़ाका’ का विमोचन पत्रकार व साहित्यकार हरीश बी. शर्मा ने किया। हरीश जी ने कहा कि एक गाना संवेदनशील है तो दूसरा लोगो की जबां पर चढ़ने वाला है। विमोचन में उपस्थित वरिष्ठ साहित्यकार व गीतकार नगेन्द्र नारायण किराडू ने कहा की ये गीत सावे की रौनक को चौगुना कर देंगे। कवि व आलोचक श्रीराम बिस्सा ने भी गीतों की तारीफ़ की। विमोचन में अल्फा मेंटर्स के आशीष बिस्सा, रवि पुरोहित, पीयूष जांगिड़ आदि उपस्थित रहे।
गीत :- 1
गीत :- 2