लखासर गांव में संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले दिया जा रहा लखासर धरना आज 55 वें दिन ग्रामीणों के दबाव और चक्का जाम की चेतावनी पर प्रशासनिक समन्वय से कुछ शर्तों के साथ स्थगित हुआ ।
पिछले 55 दिन से लखासर गांव में नवनिर्मित सूडसर उप तहसील में शामिल दूरदराज के गांव को संशोधन कर पुऩ श्री डूंगरगढ़ में शामिल करने के लिए संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में विरोध धरना चल रहा था। कल राजस्थान सरकार के प्रतिनिधि के रूप में पूर्व विधायक मंगलाराम जी गोदारा ने धरना स्थलपर पहुंच कर प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की तथा प्रतिनिधिमंडल ने दूरभाष पर जिलाधीश बीकानेर से भी वार्ता की आपसी समझाइश और समन्वय से आज सुबह जिला कलेक्टर ने अपने प्रतिनिधि के तौर पर श्री डूंगरगढ़ उपखंड अधिकारी डॉ दिव्या चौधरी को धरना स्थल पर भेजा। सरकार के प्रतिनिधि व जिला कलेक्टर बीकानेर और उपखंड अधिकारी ने संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया है कि आपकी 10 ग्राम पंचायतों की जो मांग है वह तत्काल प्रभाव से पूरी हो एवम् जो दूरदराज के ग्राम पंचायत हैं उनको पुनः श्री डूंगरगढ़ तहसील में अगले 15 दिनों में शामिल कर देंगे अतः आप धरना समाप्त कर दें संघर्ष समिति के धरना प्रतिनिधि मंडल ने आपस में बातचीत कर व सर्वसहमति से सरकार के प्रतिनिधि व जिलाधीश बीकानेर के वादे को मानते हुए सरकार और प्रशासन को 1 महीने का वक्त देने का निर्णय किया अगले 1 महीने के लिए धरने को स्थगित कर दिया अगर इसी समय के दौरान उक्त काम हो जाता है तो हम सब धरने मे पिछले 55 दिनों से सहयोग करने वाले तमाम ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों व सामजिक संघठनो का धन्यवाद ज्ञापित करते है अगर सरकार बेतुके निर्णय को 1 महिने मे वापिस नहीं लेगी तो हम अनिश्चित कालीन धरना डालकर महापड़ाव तथा चक्का जाम करेगे तथा पुनः मजबुती से धरने पर बैठ जाएंगे और इस बार बड़ा आंदोलन करेंगे। अभी प्रशासन व सरकार के नुमाइंदे की मांग पूर्ण करने की सहमति इस शर्त के साथ धरना साथगित किया गया।
संयुक्त संघर्ष समिति से जुड़े युवा नेता मांगीलाल गोदारा ने कहा हमारी लड़ाई सरकार बेतुके निर्णय से है हम आम जनता की सुविधा के लिए संघर्ष कर रहे थे आगामी 1 महीने के समय के और शर्तों पर धरना स्थगित किया गया है अगर सरकार कोताही बरतती है तो 1 महिने बाद बड़ा जन आंदोलन होगा चक्का जाम महापड़ाव होगा प्रतिनिधि मण्डल मे वार्तालाप मे श्रीडूंगरगढ़ SDM दिव्या चौधरी, प्रधान प्रतिनिधि केशराराम गोदारा, नानुराम नैण, भाजपा नेता तोलाराम जाखड़, सामाजिक कार्यकर्ता गौर्धन खिलेरी, धन्ने सिंह, कुनणा राम सारस्वत, कानाराम मेघवाल, बिरबल राम गोदारा, राजू सिंह राजपूरोहित, शिव रत्न शर्मा, बजरंग सिंह, मुलचन्द शर्मा, महेन्द्र सिंह, खियाराम गोदारा, लक्ष्मण सिंह आदि शामिल रहे।