अंतर्राष्ट्रीय ऊंट उत्सव को रूरल और इको टूरिज्म से जोड़ने के उद्देश्य से आगामी उत्सव के दौरान एक दिन के आयोजन रेत के समंदर के बीच किया जाएगा। जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने गुरुवार को नापासर और रायसर की रोही में वन विभाग की जमीन का अवलोकन कर वन और पर्यटन विभाग को इस संबंध में तैयारी करने के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर ने वन विभाग को सफारी,क्वॉड बाइकिंग, पैराग्लाइडिंग की तैयारी के निर्देश दिए। पर्यटन विभाग के उप निदेशक कृष्ण कुमार ने बताया कि आगामी अंतर्राष्ट्रीय ऊंट उत्सव के दौरान इस स्थान पर आयोजन होंगे। विशेष तौर पर धोरों के बीच अग्नि नृत्य का होगा। साथ ही यहां सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया जाएगा।
इससे पूर्व आयोजित इको टूरिज्म कमेटी की बैठक में इको टूरिज्म मैनेजमेंट प्लान का अनुमोदन किया गया। साथ ही इको टूरिज्म कार्य योजना के क्रियान्वयन के संबंध में टूरिज्म विशेषज्ञों, होटल व्यवसायियों से ईकोटूरिज्म कार्य योजना के क्रियान्वयन, जन सहभागिता आदि बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस अवसर पर जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के, वन विभाग के सुनील गौड़ सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।