आपणी हथाई न्यूज, राजस्थान में मायरे की एक रस्म होती है अगर आप समझ नही पा रहे है कि ये क्या रस्म है तो आपणी हथाई टीम आपको शार्ट कट में इसे समझने का प्रयास करेगीं दअरसल जब भी किसी परिवार में लड़की या लड़के की शादी होती है तो लड़की या लड़के की माँ का पीहर उस शादी में अपनी बहन को अपनी हैसियत के अनुसार कुछ ना कुछ सहयोग देता है। जिसे कुछ लोग मायरा तो कुछ लोग भात भी बोलते है।
बरहाल राजस्थान में नागौर जिले के शिवपुरा गांव में छह किसान भाईयों ने अपनी भांजे की शादी में आठ करोड़ एक लाख रूपये का सामान और नकदी मायरे (भात) में दी है। छह भाईयों ने सोमवार शाम को अपनी बहन के घर पहुंचकर दो करोड़ 21 लाख रूपये नकद,71 लाख का सोना,14 किलो चांदी,एक सौ बीघा खेती की जमीन,एक बीघा रहने योग्य जमीन और एक नया ट्रेक्ट्रर-ट्राली भरकर गेंहू और कपड़े उपहार के तौर पर दिए । ढींगसरा गांव के किसानी करने वाले अर्जुन राम मेहरिया,भागीरथ,उम्मेदाराम, हरिराम, मेहराराम और प्रहलाद रविवार को अपने गांव ढींगसरा से तीस किलोमीटर दूर शिवपुरा गांव में अपनी इकलौती बहन भंवरी देवी का मायरा लेकर पहुंचे। भंवरी के भांजे सुभाष का सोमवार को विवाह हुआ है। सोमवार सुबह से ही विवाह की रस्में प्रारंभ हो गई।
बहन का मायरा लेकर पहुंचे छह भाईयों के वाहनों का काफिला अपने गांव से सुबह दस बजे सजावट के साथ रवाना हुआ और शाम पांच बजे पहुंचा। वाहनों के काफिले में कार,जीप,ट्रेक्ट्रर-ट्रोली,बेल-गाड़ी,दुपहिया वाहन और दो बस शामिल थे। यह काफिला करीब पांच किलोमीटर लंबा था।
देर शाम को मायरे का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। भागीरथ ने बताया कि उन्होंने अपनी बहन को मायरे में दो करोड़ 21 लाख रूपये नकद,71 लाख रूपये का सोना,नौ लाख 80 हजार की 14 किलो चांदी,चार करोड़ 42 लाख मूल्य की एक सौ बीघा खेती की जमीन,50 लाख की कीमत का एक आवासीय भूखंड,सात लाख का अनाज से भरा ट्रेक्टर-ट्रोली,प्रत्येक स्वजन को चांदी के सिक्के और कपड़े उपहार में दिए हैं।