आपणी हथाई न्यूज, एससी (अनुसूचित जाति) और एसटी (अनुसूचित जनजाति) आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आये फैसले पर विरोध दर्ज करने को लेकर 21 अगस्त को भारत बंद का ऐलान किया गया हैं।
इससे पहले सोमवार को भजनलाल सरकार में सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने मीडिया के सामने सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार जो भी अंतिम निर्णय करेगी, राज्य सरकार उसी के अनुसार कदम उठाएगी।उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति को आरक्षण संवैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत मिला है। केंद्र सरकार ने अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों के लिए अनुच्छेद 341 और 342 के तहत केंद्रीय सूची का समूह बनाया है। इसमें उप वर्गीकरण का प्रावधान नहीं है, न ही क्रीमीलेयर लागू है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार उप वर्गीकरण का अधिकार राज्य सरकार को है। न्यायालय ने बिना आंकड़े जुटाए और बिना विश्लेषण किए उप वर्गीकरण नहीं करने को भी कहा है।
देश और प्रदेशों में हिंसा भड़कने की आशंका को लेकर इंटेलीजेंस एजेंसियों द्वारा दिए इनपुट के बाद पुलिस के शीर्ष अधिकारियों और प्रदेश के शीर्ष अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग कर प्रदेश के समस्त कमिश्नर, आईजी, डीएम और एसपी से तैयारी बैठक की है।
आपको बतादें कि क्रीमी लेयर को आरक्षण से बाहर करने के फैसले के विरोध में सोशल मीडिया पर कैंपेनिंग शुरू हो गई है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी मंडलायुक्त, जिलाधिकारी और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को मीटिंग में शामिल किया गया। प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी ने मीटिंग को लीड किया। सभी जिलों के अधिकारियों को 21 अगस्त को होने वाले प्रदर्शनों को लेकर तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं। पश्चिमी यूपी को ज्यादा संवेदनशील मानकर वहां पुलिस को अलर्ट मोड पर रखा गया है।