आपणी हथाई न्यूज,जामसर में बाबा गंगाईनाथ जी महाराज की तपोस्थली पर रविवार को श्रद्धा का ज्वार उमड़ पड़ा। परम श्रद्धेयी बाबा गंगाईनाथ महाराज के चालीसवें निर्वाण दिवस आयोजित धार्मिक अनुष्ठान में शामिल होने और बाबा की समाधी पर धोक लगाने के लिये राजस्थान समेत हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्यप्रदेश से साधू संत और हजारों की तादाद में श्रद्धालु जन पहुंचे। बर्फानी सर्दी के बावजूद साधू संतों और श्रद्धालूओं का उत्साह चरम रहा, वहीं बाबा गंगाईनाथ समाधि स्थल सेवा समिति की सेवादारों में जबरदस्त उत्साह रहा। सुबह मंगलबेला में बाबा की समाधि का अभिषेक और विशेष पूजा अर्चना के बाद आयोजित विशाल भंडारे में सबसे पहले साधंू संतों ने प्रसादी ग्रहण की । समिति के पदाधिकारियों और श्रद्धालू जनों ने साधू संतों का सम्मान कर उन्हे श्रद्धा से दक्षिणा भी प्रदान की। इसके बाद विशाल पंडाल में भंडारे श्रद्धालू जनों ने बाबा की प्रसादी ग्रहण की। सर्दी के कहर को देखते हुए समिति की ओर से संत महात्माओं और श्रद्धालूओं के लिये विशेष बंदोबश्त किये गये।
हर मनोकामना पूरी करते है बाबा
बाबा के निर्वाण दिवस पर उनकी समाधी स्थल पर धोक लगाने आये सिरसा हरियाणा के दपंति ने बताया कि हमारे परिवार की बाबा गंगाईनाथ महाराज में गहरी आस्था है, बाबा हमारी हर मनोकामना पूरी करते है। वहीं पंजाब के मोगा जिले से आये श्रद्धालू करतार सिंह और उनके भाई जसवंत सिंह ने बताया कि बाबा गंगाईनाथ महाराज की तपोभूमि हर साल संत महात्माओं का आगमन होता है, जिनकी सेवा और आर्शिवाद के लिये वह हर साल बाबा के निर्वाण दिवस पर उनकी समाधी के धोक लगाने आते है। वहीं सेवा समिति के अध्यक्ष एड़वोकेट सुरेन्द्र पाल शर्मा ने बताया कि बाबा गंगाईनाथ महाराज तपस्वी संत थे, उन्होने जामसर की इस तपोभूमि पर चालीस साल तपस्या कर भक्तों का कल्याण करने के लिये यहां जीवित समाधी ली। उनका समाधी स्थल ना सिर्फ चमत्कारी है बल्कि समाधी पर धोक लगाने से अलौकिक उर्जा का संचार होता है। उन्होने बताया कि बाबा के प्रति श्रद्धा और उनके आर्शिवाद से पोष कृष्ण पक्ष की एकादशी (सफला एकादशी) के दिन उनके निर्वाण दिवस पर यहां जागरण और विशाल भंडारे प्रसादी का आयोजन किया जाता है।
चारों प्रहर सेवादारी में जुटी रही सेवादारों की टीम
बाबा गंगाईनाथ महाराज के निर्वाण दिवस पर संत महात्माओं और श्रद्धालु जनों की सेवादारी के लिये बाबा गंगाईनाथ समाधि स्थल सेवा समिति के सेवादार चारों प्रहर जुटे रहे। इनमें समिति के अध्यक्ष एडवोकेट सुरेन्द्र पाल शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार पन्नालाल नागल, कमलेश शर्मा, राकेश ओझा, रामकुमार सारस्वत, गणेश ओझा, गणेश प्रजापत, रामलाल प्रजापत, रामलाल हलवाई, श्याम बाबू शर्मा, योगेन्द्र शर्मा, कन्हैयालाल पुरोहित, कानाराम कुमावत धोलेरा, रामूराम धोलेरा, जगदीश बिष्ट, उमेश स्वामी, पदमाराम खारा, मोहन मोदी, ईश्वर प्रसाद अग्रवाल, रवि अग्रवाल, श्यामसुंदर शास्त्री, रूपाराम, करणीराम, बदलदेव, सत्यनारायण, कालूसिंह धोलेरा, जितेन्द्र, मनीष, गणेश, दीपू, दिनेश, गौरव शर्मा, सचिन, महेश समेत अनेक सेवादार श्रद्धालूओं की सेवादारी इस काडके की ठंड में भी जुटे रहे।